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पुराने वाहन को स्क्रैप कर नया खरीदने पर मिल सकती है छूट! जानिए व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी की प्रमुख बातें

केंद्र सरकार ने आज 15 साल पुराने वाहनों के लिए व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी को पेश कर दिया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : March 18, 2021 15:08 IST
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पुराने वाहन को स्क्रैप कर नया खरीदने पर मिल सकती है छूट! जानिए व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी की प्रमुख बातें

केंद्र सरकार ने आज 15 साल पुराने वाहनों के लिए व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी को पेश कर दिया है। नई पॉलिसी के तहत पुराने वाहन को स्क्रैप करने के बाद नया वाहन खरीदने पर आपको बड़ी ​रियायत मिल सकती है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, वायु प्रदूषण में कमी आयेगी और ईंधन की खपत और तेल आयात में भी कमी आयेगी।

स्क्रैपिंग नीति की घोषणा करते हुए गडकरी ने कहा कि देश में ऑटोमोबाइल क्षेत्र का आकार 4.50 लाख करोड़ रूपये का है और अगले पांच वर्षों में यह बढ़कर 10 लाख करोड़ रूपये का होने की उम्मीद है। ज्यादा से ज्यादा पुरानी कारों को स्क्रैपेज पॉलिसी के दायरे में लाने के लिए छूट की पेशकश की गई है। पॉलिसी में कहा गया है कि स्क्रैपेज सर्टिफिकेट दिखाने पर ग्राहकों को 5% इंसेंटिव दिया जा सकता है। गडकरी ने कहा  कि ग्राहकों को छूट देने के लिए ऑटो कंपनियों से अपील की जाएगी। रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स में भारी छूट दी गई है। इससे वाहनों की बिक्री 10 से 15 प्रतिशत बढ़ेगी। इससे राज्य और केंद्र सरकार का जीएसटी कलेक्शन बढ़ेगा

2 साल में पेट्रोल वाहनों जितनी होगी इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत 

गडकरी ने कहा कि मैं अनुमान और विश्वास के साथ बता रहा हूं कि 2 साल में पेट्रोल से चलने वाले फोर व्हीलर की लागत इलेक्ट्रिक व्हीकल के बराबर होगी। स्क्रैपिक पॉलिसी के कारण कॉस्ट सस्ती होगी, और वाहन उद्योग कंपीटिंट बनेगा। अभी टेस्ला आ रहा है, मर्सिडीज से लेकर बीएमडब्लूय तक दुनिया के सभी ब्रांड भारत में हैं 5 साल में भारत दुनिया का नंबर वन ऑटो हब बनेगा। 4.5 लाख करोड़ की इंडस्ट्री 5 साल में 10 लाख करोड़ की बनेगी। इससे आटोमोबाइल सेक्टर में 3.7 करोड़ लोगों को प्रत्याक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। 

51 लाख वाहन 20 साल पुराने 

भारत में 51 लाख हल्के वाहन हैं जो 20 साल से ज्यादा पुराने हैं 34 लाख लाइट वाहन हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं। फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना लगभग 17 लाख मीडियम और भारी कमर्शियल वाहन हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं, पुराने वाहन फिट वाहनों की तुलना में 10-12 गुना ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं और सड़क सुरक्षा के लिए भारी जोखिम हैं। 

एक साल में मेड इन इंडिया होगी लीथियम बैटरी

गडकरी ने बताया कि लीथियम आयन बैटरी के लिए हमारे विभाग ने इसरो से लेकर डीआरडीओ तक भारत सरकार की सभी संस्थाओं को बुलाया था। इस समय 81 प्रतिशत बैटरी हिंदुस्तान में बन रही है, आने वाले समय में एक साल के अंदर 100 प्रतिशत लीथियम आयन बैटरी मेड इन इंडिया होगी।

​फिटनेस न होने पर रजिस्ट्रेशन खत्म 

गडकरी ने बताया कि पॉलिसी में यह प्रस्ताव है कि कमर्शियल वाहन वाहन फिटनेस असफल होने के मामले में 15 वर्ष के पश्चात अनिवार्य रूप से डी रजिस्टर्ड कर दिया जाएगा। 15 वर्ष तक बाद अगर वाहन री रजिस्टर्ड नहीं हुआ तो पक्के तौर पर उसे डी रजिस्टर्ड कर दिया जाएगा। इसके लिए हर जिले में 2-3 फिटनेस सेंटर पॉल्यूशन सेंटर खुलेंगे। 

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