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चिप संकट से उबर नहीं पा रहा ऑटो सेक्टर, सिर्फ मारुति के पास 3.63 लाख गाड़ियों के ऑर्डर पेंडिंग

सेठ ने कहा कि मारुति सरकार के कच्चे तेल के आयात को कम करने और 2070 तक शून्य उत्सर्जन लक्ष्य तक पहुंचने की मंशा के अनुरूप हाइब्रिड, सीएनजी, जैव-सीएनजी, एथनॉल और इलेक्ट्रिक जैसी प्रौद्योगिकियों के दोहन में विश्वास रखती है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jan 29, 2023 14:09 IST, Updated : Jan 29, 2023 14:09 IST
मारुति - India TV Paisa
Photo:PTI मारुति

कोरोना महामारी के बाद शुरू हुआ चिप (सेमीकंडक्टर) का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सेमीकंडक्टर की आपूर्ति मांग के अनुरूप नहीं होने से सभी कंपनियों के पास हजारों गाड़ियों के ऑर्डर पेंडिंग है। देश की सबसे बड़ी वाहन कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) का उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) अजय सेठ ने यह बात कही है। इस स्थिति से निपटने के लिए वाहन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अब इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की उपलब्ध आपूर्ति से अपने उत्पादन को अधिकतम करने के तरीकों पर काम कर रही है। हालांकि, इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की तुलना में 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त तीसरी तिमाही में आपूर्ति की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन देश की सबसे बड़ी कार कंपनी सेमीकंडक्टर की कमी के कारण अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में लगभग 46,000 इकाइयों का उत्पादन नहीं कर सकी है। 

मानेसर और गुरुग्राम की उत्पादन क्षमता 15 लाख 

सेठ ने कहा, इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की कमी हमारी उत्पादन योजना के लिए चुनौती है। कलपुर्जों की कमी अब भी हमारे उत्पादन को प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति की स्थिति अब भी दुरुस्त नहीं हुई है। सेठ ने कहा, हमारी आपूर्ति श्रृंखला, इंजीनियरिंग, उत्पादन और बिक्री टीमें उपलब्ध सेमीकंडक्टर से उत्पादन की मात्रा को अधिकतम करने की दिशा में काम कर रही हैं। मारुति के लंबित ऑर्डर तीसरी तिमाही के अंत में बढ़कर लगभग 3.63 लाख इकाई पर पहुंच गए हैं। वर्तमान में, कंपनी के मानेसर और गुरुग्राम दोनों संयंत्रों में सालाना सामूहिक उत्पादन क्षमता 15 लाख इकाई की है। इसके अलावा मारुति की मूल कंपनी सुजुकी के गुजरात संयंत्र से कंपनी को 7.5 लाख इकाई का उत्पादन हासिल होता है।

कंपनी का हाइब्रिड, सीएनजी गाड़ियों पर जोर 

सेठ ने कहा कि मारुति सरकार के कच्चे तेल के आयात को कम करने और 2070 तक शून्य उत्सर्जन लक्ष्य तक पहुंचने की मंशा के अनुरूप हाइब्रिड, सीएनजी, जैव-सीएनजी, एथनॉल और इलेक्ट्रिक जैसी प्रौद्योगिकियों के दोहन में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि कंपनी अब दो नए उत्पादों - जिम्नी और फ्रोंक्स की शुरुआत के साथ स्पोर्ट्स यूटिलिटी खंड में अग्रणी स्थिति हासिल करने का प्रयास कर रही है। बिक्री में वृद्धि के दृष्टिकोण के बारे में पूछे जाने पर, मारुति सुजुकी इंडिया के कार्यकारी अधिकारी-कॉरपोरेट मामले राहुल भारती ने कहा, मांग परिदृश्य अबतक अच्छा प्रतीत होता है। उद्योग के अभी आंकड़े नहीं आए हैं। हमारा लक्ष्य उद्योग से अधिक तेज वृद्धि हासिल करने का है। सीएनजी की बिक्री पर उन्होंने कहा कि कंपनी इसमें पहुंच के स्तर को लेकर संतुष्ट है, लेकिन इस ईंधन की असामान्य रूप से ऊंची कीमतें चिंता की वजह हैं। 

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