Friday, May 10, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. टेलीकॉम कंपनियों का दावा स्‍पेक्‍ट्रम यूजेज चार्ज कम करने से गरीबी होगी कम, 4.5% शुल्‍क को बताया अधिक

टेलीकॉम कंपनियों का दावा स्‍पेक्‍ट्रम यूजेज चार्ज कम करने से गरीबी होगी कम, 4.5% शुल्‍क को बताया अधिक

देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां एक समान स्‍पेक्‍ट्रम यूजेज चार्ज (एसयूसी) के पक्ष में हैं और उन्‍होंने प्रस्‍तावित 4.5 फीसदी शुल्‍क को बहुत अधिक बताया

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: May 07, 2016 13:39 IST
टेलीकॉम कंपनियों का दावा स्‍पेक्‍ट्रम यूजेज चार्ज कम करने से गरीबी होगी कम, 4.5% शुल्‍क को बताया अधिक- India TV Paisa
टेलीकॉम कंपनियों का दावा स्‍पेक्‍ट्रम यूजेज चार्ज कम करने से गरीबी होगी कम, 4.5% शुल्‍क को बताया अधिक

नई दिल्‍ली। देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां एक समान स्‍पेक्‍ट्रम यूजेज चार्ज (एसयूसी) के पक्ष में हैं और उन्‍होंने प्रस्‍तावित 4.5 फीसदी शुल्‍क को बहुत अधिक बताते हुए अतिरिक्‍त बोझ पड़ने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर रिलायंस जियो का इस मामले पर अपना अलग विचार है।

सेल्‍यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने डेलॉयट के साथ किए गए एक अध्‍ययन का हवाला देते हुए कहा है कि एसयूसी में एक फीसदी की कटौती करने से जीडीपी में करीब 1.76 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हो सकता है और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्‍या में 4.7 फीसदी की कमी आ सकती है। सीओएआई के सदस्यों में एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया सेल्यूलर जैसी कंपनियां शामिल हैं। सीओआईए के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने दूरसंचार सचिव जे एस दीपक को लिखे पत्र में कहा है, एक टेलीकॉम ऑपरेटर को छोड़कर पूरे उद्योग का मानना है कि एक समान शुल्क से न केवल समान अवसर पैदा होंगे बल्कि अस्पष्टता दूर होगी। रिलायंस जियो भी सीओएआई का सदस्य है लेकिन मामले में उसका विचार अलग है।

दूरसंचार कंपनियां विभिन्न स्पेक्ट्रम बैंड 800 मेगाहर्ट्ज (2जी, 4जी), 900 मेगाहर्ट्ज (2जी, 3जी, 4जी), 1800 मेगाहर्ट्ज (2जी, 4जी), 2100 मेगाहर्ट्ज (3जी) तथा 2500 मेगाहर्ट्ज (4जी) का इस्तेमाल करती हैं। सूत्रों के अनुसार दूरसंचार विभाग में तकनीकी समिति ने सभी कंपनियों पर समान रूप से 4.5 फीसदी एसयूसी लगाने का सुझाव दिया है, क्योंकि 4जी जैसी सेवा के लिए किसी खास स्पेक्ट्रम से उनकी कमाई के बारे में पता लगाना संभव नहीं है। फिलहाल सरकार मोबाइल फोन सेवाओं के उपयोग से कंपनियों को होने वाली आय का करीब 4.69 फीसदी एसयूसी के रूप में लेती है। अंतर-मंत्रालयी समूह दूरसंचार आयोग ने मामले में कानूनी राय लेने का निर्णय किया है और अगली बैठक में तकनीकी समिति की रिपोर्ट के साथ इस पर चर्चा करेगा। सीओएआई ने डेलायट की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि एसयूसी में एक फीसदी कटौती से अर्थव्यवस्था में करीब 58,000 करोड़ रुपए के निवेश में वृद्धि, 28,000 करोड़ रुपए का कर राजस्व तथा 2.3 करोड़ कनेक्शन के साथ 3जी के ग्राहकों की संख्या में विस्तार हो सकता है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement