Sunday, December 15, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. वोडाफोन पर दूरसंचार विभाग से बोले बैंक, कर्ज को इक्विटी में बदलना एक विकल्प

वोडाफोन पर दूरसंचार विभाग से बोले बैंक, कर्ज को इक्विटी में बदलना एक विकल्प

वीआईएल के असफल होने की स्थिति में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के ऋणदाताओं को 1.8 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : August 09, 2021 14:30 IST
वोडाफोन के कर्ज के...- India TV Paisa
Photo:VI

वोडाफोन के कर्ज के इक्विटी में बदलना विकल्प

नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले बैंकों के एक समूह ने दूरसंचार विभाग (DoT) को बताया कि कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) के कर्ज को इक्विटी में बदलना कंपनी को संकट से बाहर निकालने का एक विकल्प हो सकता है। डॉट ने वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल सहित दूरसंचार कंपनियों द्वारा देय समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से संबंधित बकाया पर उच्चतम न्यायालय के आदेश से पैदा हुई चुनौतियों पर चर्चा के लिए शुक्रवार को वरिष्ठ बैंक अधिकारियों को बुलाया था। 

शीर्ष न्यायालय ने 93,520 करोड़ रुपये के एजीआर बकाया राशि का भुगतान करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 10 साल का वक्त दिया है। बैंक अधिकारियों ने डॉट के वरिष्ठ अधिकारियों को यह भी बताया कि वीआईएल के कर्ज को इक्विटी में बदलना एक विकल्प है, लेकिन ये स्थायी समाधान नहीं है। सूत्रों ने कहा कि चूंकि वीआईएल ने अब तक अपने कर्ज के भुगतान में चूक नहीं की है, इसलिए वे फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। बैंकों ने अतीत में कई दबावग्रस्त कंपनियों के कर्ज को इक्विटी में बदला है। सूत्रों के मुताबिक बैंकरों ने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में प्रवर्तकों द्वारा पूंजी निवेश सबसे अच्छा विकल्प है। 

वीआईएल में ब्रिटेन स्थित वोडाफोन की 45 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि आदित्य बिड़ला समूह की 27 फीसदी हिस्सेदारी है। वीआईएल के असफल होने की स्थिति में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के ऋणदाताओं को 1.8 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है। 

 

यह भी पढ़ें: इस हफ्ते आपके पास कमाई के 4 मौके, पढ़ें सभी जरूरी बातें और उठायें पूरा फायदा 

 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement