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ईरान ने भारतीय तेल रिफाइनिंग कंपनियों से 6.5 अरब डॉलर के बकाए पर मांगा ब्याज

ईरान ने रिफाइनिंग कंपनियों से कहा कि वे लिबॉर जमा 0.75 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करें ताकि विदेशी मुद्रा विनिमय दर से हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: April 27, 2016 19:17 IST
ईरान ने भारतीय तेल रिफाइनिंग कंपनियों से 6.5 अरब डॉलर के बकाए पर मांगा ब्याज- India TV Paisa
ईरान ने भारतीय तेल रिफाइनिंग कंपनियों से 6.5 अरब डॉलर के बकाए पर मांगा ब्याज

नई दिल्ली। ईरान ने एस्सार ऑयल और एमआरपीएल जैसी रिफाइनिंग कंपनियों से कहा कि वे लिबॉर जमा 0.75 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करें ताकि विदेशी मुद्रा विनिमय दर से हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस महीने जब तेहरान में ईरान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर वलीओल्ला सैफ से मुलाकात की तो यह मांग की गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, वे पहले के तेल बकाए पर ब्याज मांग रहे हैं। उन्होंने बैठक में लिबॉर (लंदन अंतरबैंक पेशकश दर) के ऊपर 0.75 फीसदी अतिरिक्त ब्याज दर पर यह मांग की है। विनिमय दर में घटबढ़ के कारण अंतर बढ़ने की वजह से ईरान ब्याज देने पर जोर दे रहा है।

ईरान एस्सार ऑयल और मंगलूर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड जैसी रिफाइनरी को अमेरिकी डॉलर में तेल बेचता रहा है। तेल बिल के 45 फीसदी हिस्से का भुगतान यूको बैंक खाते में रुपए में किया जाता रहा, जबकि शेष 55 फीसदी का भुगतान बैंकिंग चैनल खुलने के बाद किया जाना था। ईरान से प्रतिबंध हटने के बाद अब उसने अपना बकाया बिल पेश किया है। लेकिन एस्सार ऑयल और अन्य रिफाइनिंग कंपनियां ईरान को पिछले तीन साल के दौरान खरीदे गए बिल का भुगतान उस समय की विनिमय दर, जब तेल खरीदा गया, पर करना चाहती हैं। फरवरी 2013 में जब 45:55 भुगतान प्रणाली परिचालन में थी तो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 55 से कमतर स्तर पर था। अब रुपए की विनिमय दर 67 के करीब पहुंच चुकी है।

अधिकारी ने कहा, ईरान ने कहा कि उन्हें विनिमय दर में बदलाव के कारण काफी नुकसान हो रहा है इसलिए वह अब अतिरिक्त ब्याज लेकर इसकी भरपाई करना चाहता है। भारत कुछ ब्याज दर चुकाने पर सहमत है हालांकि, अगस्त 2012 में हुए द्विपक्षीय भुगतान समझौते में ब्याज भुगतान का प्रावधान नहीं था। अधिकारी ने कहा कि ईरानी सेंट्रल बैंक के अधिकारी इसके तरीकों पर चर्चा करने के लिए जल्दी ही भारत यात्रा पर आएंगे।

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