नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम स्वनिधि योजना का लाभ उठाने वाले स्ट्रीट वेंडर्स के साथ बुधवार को संवाद किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये पहली बार हुआ है कि रेहड़ी-पटरी वालों के लाखों लोगों के नेटवर्क को सही मायने में सिस्टम से जोड़ा गया है, उनको एक पहचान मिली है। इस योजना का मकसद है कि रेहड़ी-पटरी और ठेले वाले नई शुरूआत कर सकें, अपना काम फिर शुरू कर सकें, इसके लिए उन्हें आसानी से पूंजी मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि सिर्फ दो महीने के अंदर एक लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वालों को योजना का लाभ दिया गया। वहीं कोरोना महामारी की चुनौती के बावजूद साढ़े चार लाख लोगों को पहचान पत्र और सर्टिफिकेट दिए गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने अन्य राज्यों को भी मध्य प्रदेश से सीख लेने की सलाह दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया में जब भी कोई बड़ा संकट आता है, महामारी आती है, उसका सबसे पहला और बड़ा प्रभाव गरीबों पर पड़ता है। गरीब को रोजगार का संकट होता है। उसकी जमा-पूंजी का संकट होता है। कोरोना की महामारी, ये सब विपदाएं अपने साथ लेकर आई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महामारी के दौरान बाहर रोजगार करने वाले श्रमिकों को अपने गांव लौटना पड़ा। इसलिए कोरोना महामारी के दौरान पहले से ही सरकार और देश का प्रयास गरीब की दिक्कतों को कम करने का रहा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लाखों लोगों को रोजगार दिया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों के लिए निरंतर हो रहे कार्यों के बीच एक वर्ग ऐसा था, जिस पर खास ध्यान देने की जरूरत थी। ये वर्ग रेहड़ी-पटरी ठेले वाले भाई-बहनों का था। कोरोना के कारण बाजार बंद हो गए। घरों में लोग रहने लगे। जिससे रेहड़ी-पटरी वालों के कारोबार पर असर पड़ा। मुश्किलों से निकालने के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू हुई। मकसद है कि लोग नई शुरूआत कर सकें। अपना काम फिर शुरू कर सकें। उन्हें आसानी से पूंजी मिले। उनसे बाहर ब्याज देकर रुपये लेने के लिए मजबूर न होना पड़ा। रेहड़ी-पटरी वाले लाखों लोगों को सही मायने में सिस्टम से जोड़ा गया। उन्हें एक एक पहचान मिली।
पीएम स्व-निधि योजना ने मप्र के स्ट्रीट वेंडर्स के बदले हालात
देश में गहराए कोरोना संकट के कारण गरीब तबके पर पड़े असर से उबारने के मकसद से स्ट्रीट वेंडर्स के लिए शुरु की गई प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना ने बड़ा बदलाव लाने का काम किया है। इस योजना के लाभार्थियों ने अपने अनुभव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को राज्य के स्ट्रीट वेंडर्स से संवाद किया और जमीनी हालात को जाना। इंदौर के सांवेर के छगन लाल ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि स्व-निधि योजना ने किस तरह उसे समस्या से उबारने का काम किया है। छगन लाल ने बताया कि वह झाड़ू बनाकर बेचने का काम करता है, मगर कोरोना की पूर्णबंदी के कारण उसके कामकाज पर असर पड़ा, अब स्व-निधि येाजना के तहत मिले कर्ज से उसके कारोबार को फिर गति मिलने लगी है ।
छगन लाल ने बताया कि एक दिन परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर पचास से ज्यादा खजूर की झाड़ू बनाता है और उसके बाद अगले दिन बेचता है, अब उसका परिवार ठीक चल रहा है। प्रधानमंत्री ने उसे परामर्श भी दिया कि झाडू में पाइप आदि का जो उपयोग होता है, उसे खरीदार से झाडू के खराब होने पर वापस लेने का प्रयास करना चाहिए, ताकि उसका रिसाइकिल कर देाबारा उपयोग में लाया जा सके, साथ ही खराब न हुए हिस्से का उपयोग कर लागत को कम किया जा सकता है।
इसी तरह ग्वालियर की अर्चना शर्मा ने अपने अनुभव के आधार पर बताया कि वे टिक्की सेंटर चलाती है। उन्हें स्व-निधि योजना के तहत बगैर ब्याज के कर्ज मिलने की बात पता चली तो उन्होंने नगर निगम मे संपर्क किया और उनका कर्ज मंजूर हो गया। अब उनका कारोबार बेहतर तरीके से चल रहा है।
राजधानी भोपाल के पास रायसेन जिले के सांची में सब्जी बेचने वाले ढाल चंद ने प्रधानमंत्री को बताया कि वह सड़क किनारे सब्जी का ठेला लगता है और एक जमीन भी किराए पर ले रखी है और उस पर सब्जी पैदा कर रहा है। ढाल चंद ने बताया कि स्व-निधि उसके लिए बडी मददगार बनी है। वह डिजिटल पेमेंट का भी सहारा ले रहा है जिससे लेन-देन में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश में कोविड-19 की मुश्किल घड़ी में प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना में एक लाख हजार छोटे-छोटे व्यवसाइयों को व्यवसाय उन्नयन के लिए ऋण दिया गया। इन्हें कुल 115 करोड़ रूपए की राशि मंजूर की गई। इस योजना में सिर्फ तीन हफ्ते में 8 लाख 78 हजार पंजीयन किए गए।