नई दिल्ली। बिहार की नितीश सरकार में उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज वर्ष 2018-19 के लिए बिहार का बजट पेश किया। करीब 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए के इस बजट में मोदी ने एक भी नया कर नहीं लगाया है। बजट पेश करते समय मोदी को विपक्ष के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री नितीश कुमार की उपस्थिति में विपक्षी सदस्यों ने बजट भाषण के समय विधानसभा अध्यक्ष के आसान के पास आकर हंगामे और नारेबाजी की। बजट 176990.27 करोड रूपये का है जिसमें राजस्व खाते में 21311 करोड़ रुपये की बचत का अनुमान है।
सुशील मोदी ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ‘यह 21311 करोड रुपये के राजस्व आधिक्य बजट है।’ बजट में 92317.65 करोड रूपये का स्कीम व्यय और 84672.62 करोड रूपये स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय शामिल हैं । वित्त मंत्री ने बताया कि इस वित्त वर्ष के दौरान अलग अलग स्रोतों से कुल मिलाकर एक लाख 58 हजार करोड रूपया राजस्व की प्राप्ति होगी जिसमें एक लाख 22 हजार करोड रूपये केंद्र सरकार से राजस्व के तौर पर प्राप्त होंगे। इसमें 76172 करोड रूपये केंद्रीय करों से तथा 46431 करोड रूपये केंद्र सरकार से प्राप्त सहायता अनुदान की राशि शामिल हैं।
इस बार का बजट पिछले वित्त वर्ष 2017—18 से 16904 करोड रूपये अधिक है। बजट में राज्य को कर से 31000 करोड रूपये का राजस्व अनुमानित है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2018—19 के दौरान कुल राजस्व व्यय 136000 करोड रूपये और पूंजीगत व्यय 40250 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। सुशील ने बताया कि वित्त वर्ष 2018—19 के दौरान राजकोषीय घाटा 11203 करोड रूपये अनुमानित है जो कि सकल घरेलु उत्पाद का 2.17 प्रतिशत है । उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2018—19 के दौरान सबसे अधिक 32125 करोड रूपये का व्यय शिक्षा के क्षेत्र में किया जाएगा जो कि कुल बजट का 18 प्रतिशत है। ग्रामीण कार्य विभाग के तहत ग्रामीण सडकों पर खर्च की जाने वाली राशि तथा पथ निर्माण विभाग की राशि को अगर जोड लिया जाए तो इस वित्त वर्ष के दौरान केवल सडकों पर 17397 करोड रूपये खर्च होगा।