नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 11,334 करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को खारिज किया। वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह मामला ‘नियंत्रण के बाहर’ नहीं है और इस बारे में उचित कार्रवाई की जा रही है। वित्तीय सेवा विभाग में संयुक्त सचिव लोक रंजन ने एक कार्यक्रम के मौके पर अलग से कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह नियंत्रण से बाहर या इस समय कोई बड़ी चिंता की बात है।
इससे पहले दिन में PNB ने खुलासा किया कि उसने कुछ धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता लगाया है। ये लेनदेन 1.171 अरब डॉलर या करीब 11,334.4 करोड़ रुपढ के हैं। वसूली के लिए यह मामला विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिया गया है। बैंक ने कहा कि इन लेनदेन के आधार पर अन्य बैंकों ने संभवत: कुछ ग्राहकों को विदेशों में ऋण दिया है।
इस मामले को पहले ही विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिया गया है, जिससे दोषियों के खिलाफ कानून के हिसाब से कार्रवाई हो सके। बैंक ने कहा कि वह स्वच्छ और पारदर्शी बैंकिंग को लेकर प्रतिबद्ध है।
दस दिन से भी कम के समय में यह बैंक धोखाधड़ी का दूसरा मामला सामने आया है। इससे पहले पांच फरवरी को CBI ने अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनकी पत्नी, भाई और एक व्यापारिक भागीदार के खिलाफ वर्ष 2017 में PNB के साथ 280.70 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।
आपको बता दें कि बुधवार को सेबी को दी गई जानकारी में बैंक ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक ने धोखाधड़ी के लिए अनधिकृत रूप से किए गए कुछ लेनदेन मुंबई स्थित अपनी एक शाखा में पकड़े हैं, जो 'कुछ चुनिंदा खाताधारकों को लाभ पहुंचाने' के लिए किए गए थे।
बैंक ने कहा है कि वह इस बात का आकलन बाद में करेगा कि इन लेनदेन की वजह से उसकी कोई देनदारी बनती है या नहीं। PNB ने उन बैंकों का भी नाम नहीं लिया है, जिन पर इन लेनदेन की वजह से असर पड़ सकता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये फर्जी लेनदेन बैंक की वर्ष 2017 की शुद्ध आय (13.2 अरब रुपए) की तुलना में लगभग आठ गुणा है। इस खबर के सामने आने के बाद PNB के शेयर 9.81 फीसदी की गिरावट के साथ 145.80 रुपए पर बंद हुए।