Thursday, December 12, 2024
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7 लाख करोड़ रुपए के वैश्विक खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम, लोकल के लिए वोकल की जरूरत: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि देशवासियों को स्थानीय स्तर पर बने खिलौनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि खिलौनों का वैश्विक बाजार 7 लाख करोड़ रुपए का है लेकिन उसमें भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : August 30, 2020 11:47 IST
मन की बात में खिलौनों...- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

मन की बात में खिलौनों का बात

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मन की बात में देशी खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने की बात कही। साथ ही उन्होने इंडस्ट्री से आह्वान किया कि पर्यावरण से जुड़े खिलौने बनाने के लिए वो आगे आए। मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं अपने उद्यमी मित्रों से कहता हूं कि आइए खिलौने बनाएं और अब हम सभी के लिए लोकल खिलौनों के प्रति वोकल होने का समय है। हम ऐसे खिलौने बनाएं जो पर्यावरण के अनुकूल हों। प्रधानमंत्री के मुताबिक ग्लोबल खिलौना बाजार 7 लाख करोड़ रुपए से भी बड़ा है लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत ही कम है। इसे आगे बढ़ाने में देश को मिलकर मेहनत करनी है।

इससे पहले भी प्रधानमंत्री कई बार भारतीय खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इंडस्ट्री को आगे आने के लिए कह चुके हैं। हाल ही में सरकार ने खिलौना इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की जो योजना बनाई है उसमें ऑनलाइन गेमिंग से लेकर पारंपरिक खिलौने तक शामिल किए गए हैं। सरकार की कोशिश है कि वो एक ओर युवाओं के लिए इंवेंट्स का आयोजन कर नए उम्र के ऑनलाइन गेम्स तैयार करने के लिए उभरती हुई प्रतिभाओं की तलाश करें। वहीं दूसरी तरफ सरकार पारंपरिक खिलौनों को बढ़ावा देने की रणनीति बना रही है। प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके है कि पारंपरिक खिलौने बच्चों के विकास में काफी मददगार साबित होते हैं। वहीं इंडस्ट्री के मुताबिक ऐसे खिलौने की कला के रूप में विदेशों  में बड़ी मांग है। अगर इन खिलौनो का बढ़ावा दिया जाता है तो देश में रोजगार और आय के नए अवसर बढ़ेगें।

सरकार घरेलू खिलौना उद्योग को राहत देने के लिए चीन के खिलौनो पर निर्भरता कम करना चाहती है। भारत के बाजारों में बिकने वाले 80 फीसदी खिलौने चीन से आते हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत में चीन के खिलौने का कारोबार करीब 2000 करोड़ रुपये का है। सरकार चाहती है कि चीन की हिस्सेदारी पर भारत के स्वदेशी खिलौना उद्योग अपनी पकड़ मजबूत करें इसके साथ ही साथ विदेशी बाजारो में भी भारतीय खिलौना उद्योग अपना विस्तार करे, जिससे भारत में कारीगरों और छोटे उद्योगों की आमदनी बढ़े। भारतीय स्वदेशी खिलौना उद्योग में बड़ी संख्या MSME सेक्टर की है।  

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