Saturday, April 27, 2024
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FCI ने 5वीं ई-नीलामी में बेचे 1 लाख टन गेहूं, जानिए इससे आम लोगों को कैसे मिलेगी राहत

FCI E-Auction: केंद्र, गेहूं और चावल की बढ़ती खुदरा कीमतों को कम करने के लिए हर स्तर पर काम कर रहा है। आज पांचवीं नीलामी हुई है।

Vikash Tiwary Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: July 27, 2023 13:53 IST
Wheat E-Auction- India TV Paisa
Photo:FILE Wheat E-Auction

Wheat E-Auction: भारत में महंगाई दूसरे देशों की तुलना में ठीक है। इसे कंट्रोल करने के लिए सरकार हर तरह से कोशिश कर रही है। हाल ही में देश में चावल की कीमतें ना बढ़े इसके लिए चावल एक्सपोर्ट करने पर बैन लगा दिया था। अब घरेलू बाजार में आनाज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने बुधवार को पांचवीं ई-नीलामी में 1.06 लाख टन गेहूं और 100 टन चावल की बिक्री की है। एफसीआई चावल, गेहूं और आटा के खुदरा मूल्य को काबू में रखने के लिये साप्ताहिक आधार पर ई-नीलामी आयोजित करता है। 

कीमत काबू रखने के लिए उठाया ये कदम

खाद्य मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सरकार अनाजों की कीमत को काबू में रखने के लिये प्रतिबद्ध है और इस बाजार हस्तक्षेप का मकसद ग्राहकों को राहत पहुंचाना है। एफसीआई ने कहा कि नीलामी के तहत देश भर के 178 डिपो से कुल 1.16 लाख टन गेहूं और 1.46 लाख टन चावल की पेशकश की गयी थी। औसत गुणवत्ता वाले (एफएक्यू) गेहूं का भारांश औसत बिक्री मूल्य 2182.68 रुपये प्रति क्विंटल रहा जबकि आरक्षित मूल्य 2,150 रुपये प्रति क्विंटल था। वहीं कम गुणवत्ता वाले (यूआरएस) गेहूं का भारांश औसत बिक्री मूल्य 2,173.85 रुपये प्रति क्विंटल रहा जबकि आरक्षित मूल्य 2,25 रुपये प्रति क्विंटल था। चावल के मामले में भारांश औसत बिक्री मूल्य 3151.10 रुपये प्रति क्विंटल रहा जो आरक्षित मूल्य के बराबर है। 

जमाखोरी रोकने पर भी सरकार कर रही काम

जमाखोरी रोकने और बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने 12 जून को गेहूं पर तत्काल प्रभाव से मार्च 2024 तक भंडारण सीमा लगा दी थी। इसने ओएमएसएस के तहत केंद्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों को 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी निर्णय लिया। केंद्र ने ओएमएसएस के तहत थोक खरीदारों को चावल बेचने का फैसला किया था, लेकिन कुल मात्रा निर्दिष्ट नहीं की थी। पांच लाख टन चावल की नीलामी पांच जुलाई को हुई थी। इस ई-नीलामी में खरीदार, अधिकतम 100 टन अनाज के लिए बोली लगा सकते थे। छोटे गेहूं खरीदार और व्यापारियों के लिए न्यूनतम मात्रा 10 टन रखी गई है। गेहूं का आरक्षित मूल्य, उचित एवं औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) अनाज के लिए 2,150 रुपये प्रति क्विंटल और कुछ कमजोर विशिष्टताओं (यूआरएस) वाले गेहूं के लिए 2,125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था। चावल का आरक्षित मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था। 

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