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यहां मिला धरती में दबा खरबों का सोना, कभी पालवंश की राजधानी रहा था यह क्षेत्र

भारत की विशाल धरती के अंदर सोने, चांदी, कीमती जेवरात, नगीने और न जानें क्या-क्या दबा है। समय-समय पर देश के अलग-अलग भागों में खजाने मिलते रहते हैं। अब एक और नए खजाने का पता चला है। इसमें खरबों का सोना दबा होने का पता चला है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Nov 03, 2023 11:56 IST, Updated : Nov 03, 2023 11:56 IST
धरती में दबा खरबों का सोना- India TV Paisa
Photo:FILE धरती में दबा खरबों का सोना

भारत को कभी सोने की चिड़िया शायद ऐसे ही नहीं कहा जाता है। अब इसके पुख्ता प्रमाण भी मिल रहा है। देश में एक के बाद एक बड़े सोने के भंडार मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस कड़ी में एक और बड़े खजाने का पता चला है, जिसमें धरती के अंदर खरबों का सोना दबा मिला है। यह सोना पाल राजवंश की राजधानी रहे अस्कोट क्षेत्र में मिला है। आपको बता दें कि यह स्थान उत्तराखंड जिसे देवभूमि कहा जाता है, में स्थित है। इस सोने को अब निकालने की भी कवायद तेज हो गई है।

हैदराबाद की कंपनी से करार

पाल राजवंश की राजधानी रहे अस्कोट क्षेत्र में धरती के नीचे दबे सोने को निकलने के लिए हैदराबाद की कंपनी से करार कर लिया गया है। केंद्र सरकार से प्रस्ताव के विस्तार की स्वीकृति का इंतजार है। डीडीहाट क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने पिथौरागढ़ में मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व में कराए गए भूगर्भीय सर्वेक्षण में अस्कोट से जौलजीबी और ओगला से भागीचौरा तक करीब 15 किमी. क्षेत्र के भूगर्भ में सोना, तांबा, जस्ता और शीशा होने की पुष्टि हो चुकी है। कनाडा की कंपनी ने भी सर्वे किया था। धरती के गर्भ से सोना निकाले जाने के लिए पूर्व में कनाडा की कंपनी के साथ गोल्ड माइन समझौता हुआ था। कंपनी ने क्षेत्र में कई सुरंग तैयार कर सर्वे पूरा कर लिया था। लेकिन, इस बीच अस्कोट अभ्यारण्य का पेंच फंस गया था। जिसके चलते कंपनी को अपना काम बंद करना पड़ा। उसके बाद हैदराबाद की कंपनी के साथ करार हुआ।

सोना, तांबा, जस्ता और शीशा मिलने की पुष्टि

बिशन सिंह चुफाल ने बताया कि अस्कोट अभ्यारण्य का पेंच हटने के बाद हैदराबाद की एक कंपनी ने सोना निकालने में रूचि दिखाई है। कंपनी के साथ करार हो चुका है। पूर्व में सोना, जस्ता, शीशा आदि खनिज निकालने के लिए जो लीज स्वीकृत हुई थी, उसके विस्तार का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। जल्द ही इसे स्वीकृति मिल जाने की उम्मीद है। खनन कार्य शुरू होते ही क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव आएगा। पूर्व कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि आने वाला समय पिथौरागढ़ जनपद का होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलास और ओम पर्वत पहुंचने के बाद अब बड़ी तादाद में पर्यटक यहां आने लगे हैं। गढ़वाल में चारधाम यात्रा से जिस तरह हरिद्वार से बद्रीनाथ, केदारनाथ तक के लोगों को फायदा मिला है, उसी तरह आदि कैलास से पूरे जनपद के लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि तवाघाट-लिपुलेख सड़क को बेहतर बनाने के लिए भी कार्ययोजना बन रही है।

इनपुट: आईएएनएस

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