
प्रॉपर्टी की मांग क्वार्टर ऑन क्वार्टर (QOQ) कम होती जा रही है। पिछले चार तिमाही यानी 1 साल से घरों की बिक्री लगातार गिर रही है। आपको बता दें कि मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु समेत देश के आठ प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री में 2024 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 26 प्रतिशत की गिरावट आई है। प्रॉपटाइगर डॉट कॉम की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। बिक्री में गिरावट का मुख्य कारण महाराष्ट्र एवं हरियाणा में चुनाव और प्रॉपर्टी की आसमान छूती कीमतें बताई गईं हैं। ऐसे में क्या रियल एस्टेट मार्केट में तेजी का दौर खत्म हो गया है? क्या एक बार फिर मंदी की आहट है?
प्रॉपर्टी बाजार के जानकारों का कहना है कि मंदी की शुरुआत कहना अभी थोड़ी जल्दबाजी होगी लेकिन जो हालात बन रहे हैं, वे अच्छे नहीं है। मार्केट में प्रॉपर्टी की कीमत एंड यूजर्स के बजट से बाहर निकल गई है। वास्तविक घर खरीदार चाह कर भी घर नहीं खरीद पा रहा है। ऐसे में इन्वेस्टर्स के दम पर इस मार्केट को लंबा नहीं चलाया जा सकता है। अगर हालात ऐसे ही बने रहे हैं तो देर-सबेर मंदी आनी तय है।
इन शहरों में घटी प्रॉपर्टी की मांग
रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई क्षेत्र (एमएमआर) में सालाना आधार पर 31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 33,617 घरों की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 48,553 घरों की बिक्री हुई थी। पुणे में इस दौरान 31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,240 घरों की बिक्री हुई। वहीं बेंगलुरु में 23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 13,236 घरों की बिक्री हुई, हैदराबाद में 36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 13,179 घरों की बिक्री हुई और चेन्नई में पांच प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,073 घरों की बिक्री हुई।
दिल्ली-एनसीआर में बिक्री बढ़ी
हालांकि दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर सालाना आधार पर बाकी सभी सात शहरों शहरों में घरों की बिक्री में गिरावट आई है। दिल्ली-एनसीआर में दिसंबर तिमाही में घरों की बिक्री 50 प्रतिशत बढ़कर 9,808 इकाई रही जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 6,528 था। चुनावों का असर नई आपूर्ति पर भी दिखा। बीते वर्ष की चौथी तिमाही में नयी परियोजनाएं पेश करने में 33 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसका कारण राज्यों में चुनावों के कारण परियोजनाओं की मंजूरी की गति का धीमा होना है। आठ में से पांच शहरों में पिछली तिमाही के दौरान पेश नई परियोजनाओं की संख्या घटी है।