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नए साल पर महंगाई की मार, फुटवियर-ऑनलाइन खाना मंगाना समेत ATM से पैसे निकालना हुआ महंगा

नए साल की शुरुआत में ही अपवंचना रोकने के लिए जीएसटी कानून में संशोधन किया गया है। इसके तहत इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) अब सिर्फ एक बार मिलेगा। करदाता के जीएसटीआर 2बी (खरीद रिटर्न) में ‘क्रेडिट’ दर्ज होने के बाद इसे दिया जाएगा।

India TV Paisa Desk Written by: India TV Paisa Desk
Updated on: January 01, 2022 15:59 IST
नए साल पर महंगाई की मार, फुटवियर समेत ऑनलाइन खाना मंगाना हुआ महंगा- India TV Paisa
Photo:INDIA TV

नए साल पर महंगाई की मार, फुटवियर समेत ऑनलाइन खाना मंगाना हुआ महंगा

Highlights

  • ऐप आधारित कैब सेवा कंपनियां भी दोपहिया-तिपहिया वाहनों की बुकिंग पर 5% जीएसटी लेंगी
  • 1 जनवरी 2022 से ATM से पैसे निकालना हुआ महंगा
  • अपवंचना रोकने के लिए GST कानून में संशोधन किया गया

नयी दिल्ली: आज यानी 1 जनवरी 2022 से कई बदलाव हुए हैं। इन बदलावों का असर सीधा आपकी जेब पर होगा। 1 जनवरी 2022 से ऑनलाइन खाना मंगाना, फुटवियर खरीदना महंगा हो गया है। इसके अलावा शनिवार यानी 1 जनवरी 2022 से ऐप आधारित कैब सेवा कंपनियों ओला और उबर को भी दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बुकिंग पर 5 प्रतिशत जीएसटी वसूल करना होगा। नए साल से टैक्स चोरी रोकने के उपायों के तहत जीएसटी रिफंड के लिए आधार सत्यापन को भी अनिवार्य किया गया है। इन सब के अलावा अब ATM से पैसा निकालना भी आपको महंगा पड़ेगा। 

खाने-पीने का सामान ऑनलाइन मंगाना हुआ महंगा

खाने-पीने का सामान ऑनलाइन मंगाना नए साल की शुरुआत यानी आज से महंगा होने जा रहा है। खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन डिलिवरी करने वाली स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियों को अब ग्राहकों से पांच प्रतिशत कर जुटाना होगा और उसे सरकार के पास जमा करना होगा। ऐसे फूड वेंडर जो अभी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर हैं, यदि वे ग्राहकों को ऑनलाइन ऑर्डर के जरिये आपूर्ति करते हैं तो उन्हें जीएसटी देना होगा। अभी जीएसटी के तहत पंजीकृत रेस्तरां ग्राहकों से कर वसूलते हैं और सरकार के पास जमा कराते हैं। 

फुटवियर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा

इसके अलावा शनिवार से ही ऐप आधारित कैब सेवा कंपनियों मसलन उबर और ओला को भी दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बुकिंग पर पांच प्रतिशत जीएसटी का संग्रह करना होगा। वहीं आज ही से सभी जूते-चप्पलों (फुटवियर) पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। यानी सभी दाम के फुटवियर पर 12 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू होगी।

जीएसटी कानून में संशोधन किया गया

नए साल की शुरुआत में ही अपवंचना रोकने के लिए जीएसटी कानून में संशोधन किया गया है। इसके तहत इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) अब सिर्फ एक बार मिलेगा। करदाता के जीएसटीआर 2बी (खरीद रिटर्न) में ‘क्रेडिट’ दर्ज होने के बाद इसे दिया जाएगा। जीएसटी नियमों के तहत पहले पांच प्रतिशत का ‘अस्थायी’ क्रेडिट दिया जाता था। 1 जनवरी, 2022 से इसकी अनुमति नहीं होगी। 

गाड़ी खरीदना हुआ महंगा

नए साल में मारुति सुजुकी, रेनो, होंडा, टोयोटा और स्कोडा समेत लगभग सभी कार कंपनियों की कार खरीदने के लिए आपको ज्यादा कीमत चुकानी होगी। टाटा मोटर्स ने कॉमर्शियल व्हीकल की कीमतों में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है।

ATM से पैसे निकालना हुआ महंगा

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एटीएम ट्रांजेक्शन से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। RBI ने फ्री ट्रांजेक्शन के बाद कैश निकासी पर लगने वाले चार्ज को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। RBI के मुताबिक, फ्री ट्रांजैक्शन के ATM से पैसे निकालने पर अब आपको 20 की जगह 21 रूपए चार्ज देना होगा, इसमें भी टैक्स शामिल नहीं है। यह नियम 1 जनवरी 2022 से लागू हो गया है। गौरतलब है कि ATM से कैश निकासी पर लिए जाने वाले चार्ज में करीब 7 साल बाद बढ़ोतरी की गई है।

जीएसटी रिफंड के लिए आधार सत्यापन को अनिवार्य किया गया

ईवाई इंडिया के कर भागीदार विपिन सपरा ने कहा, ‘‘इस बदलाव का करदाताओं की कार्यशील पूंजी पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा, जो अभी तक 105 प्रतिशत के ‘क्रेडिट’ का लाभ ले रहे थे। इस बदलाव से अब उद्योग के लिए भी यह जरूरी हो जाएगा कि वे सही और अनुपालन वाले वेंडरों से खरीद करें। नए साल से कर अपवंचना रोकने के उपायों के तहत जीएसटी रिफंड के लिए आधार सत्यापन को भी अनिवार्य किया गया है। इसमें ऐसी इकाइयां जिन्होंने कर का भुगतान नहीं किया है और पिछले महीने के लिए जीएसटीआर-3बी जमा कराया है, उन्हें जीएसटीआर-1 दाखिल करने की सुविधा नहीं होगी। अभी तक जीएसटी कानून के तहत यदि कंपनियां या इकाइयां पिछले दो माह का जीएसटीआर-3बी जमा कराने में विफल रहती हैं, तो उन्हें बाहरी आपूर्ति के लिए रिटर्न या जीएसटीआर-1 दाखिल करने की अनुमति नहीं होती थी। 

जीएसटी अधिकारियों के अधिकार बढ़ाए गए

इसके अलावा जीएसटी कानून में संशोधन कर जीएसटी अधिकारियों के अधिकार बढ़ाए गए हैं। जीएसटी अधिकारी बिना किसी कारण बताओ नोटिस के जीएसटीआर-3बी के जरिये कम बिक्री दिखाकर कर का भुगतान करने वाली इकाइयों के परिसर में जाकर बकाया कर की वसूली कर सकते हैं। सपरा ने कहा कि इस कदम से जाली बिलों पर रोक लगेगी। अभी तक विक्रेता खरीदार को ऊंचे आईटीसी का लाभ देने के लिए ऊंची बिक्री दिखाते थे और कम जीएसटी देनदारी को जीएसटीआर-3बी में बिक्री को कम कर दिखाते थे। 

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