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कैसी बेरुखी! 90% भारतीय ग्राहक क्यों नहीं खरीद रहे ये वाला सोना, 2022 में हुई बस इतनी सी बिक्री

भारतीयों का सोने से प्यार एक दम पक्का वाला रहा है। लेकिन कोरोना के बाद से बदलती परिस्थितियों में निवेश को लेकर कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। इसका असर सोने पर भी पड़ा है।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Jan 22, 2023 12:46 IST, Updated : Jan 22, 2023 13:10 IST
Gold Jewelry - India TV Paisa
Photo:CANVA Gold Jewelry

सोने को लेकर भारत में लोगों का प्यार कभी कम नहीं होता। लेकिन 2022 का साल इस मामले में बहुत अलग साबित हुआ है। लोगों ने इस साल सोने की ज्वैलरी तो खूब खरीदी है, लेकिन गोल्ड ईटीएम को लेकर अभूतपूर्व बेरुखी देखने को मिली है। जानकारों के अनुसार इसके पीछे का कारण पीली धातु की कीमतों में उछाल, ब्याज दरों में बढ़ोतरी तथा मुद्रास्फीतिक दबाव माना जा रहा है। इन सभी कारणों से गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स(ईटीएफ) में निवेश का प्रवाह बीते साल (2022 में) 90 प्रतिशत घटकर 459 करोड़ रुपये रह गया। 

2020 और 2021 में आया इतना निवेश 

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। 2021 में गोल्ड ईटीएफ में 4,814 करोड़ रुपये और 2020 में 6,657 करोड़ रुपये का निवेश आया था। हालांकि, गोल्ड ईटीएफ का संपत्ति आधार तथा निवेशक खातों या फोलियो की संख्या में 2022 में इससे पिछले साल की तुलना में वृद्धि हुई है। 

महंगाई एक प्रमुख कारण 

मॉर्निंगस्टार इंडिया की वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक शोध कविता कृष्णन ने कहा, ‘‘सोने की बढ़ती कीमत शायद निवेशकों पर कुछ दबाव डालती है, क्योंकि बहुत से लोग सुधार की उम्मीद में अपने निवेश को रोक कर रखते हैं। मुद्रास्फीतिक दबाव और ऊंची ब्याज दरों का ढांचा भी इस मामले में चुनौती बना हुआ है।’’ 

शेयरों की ओर बढ़ा रुझान

घरेलू मोर्चे पर बात करें, तो निवेशकों ने 2022 में अन्य संपत्ति वर्गों की तुलना में शेयरों में पैसा लगाना अधिक उचित समझा। 2022 में निवेशकों ने शेयरों में 1.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया, जो इससे पिछले साल के 96,700 करोड़ रुपये के आंकड़े से कहीं अधिक है। इसके अलावा निवेशकों ने व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) में निवेश को प्राथमिकता दी। उन्होंने अन्य संपत्ति वर्ग से निवेश निकाला और शेयरों में लगाया। 

दिसंबर से दिख रहा बदलाव 

गोल्ड ईटीएफ में सकारात्मक प्रवाह से दिसंबर, 2022 के अंत तक इसके प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) 16 प्रतिशत बढ़कर 21,455 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, जो एक साल पहले 18,405 करोड़ रुपये के स्तर पर थीं। गोल्ड ईटीएफ में फोलियो की संख्या दिसंबर, 2022 तक 14.29 लाख बढ़कर 46.28 लाख हो गईं, जो दिसंबर, 2021 तक 32.09 लाख थी। इससे पता चलता है कि निवेशकों का झुकाव स्वर्ण कोषों की ओर बढ़ा है। 

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