Wednesday, April 16, 2025
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Paytm को इस मामले में मिला ED नोटिस, जानें कंपनी ने आखिर ऐसा क्या कर दिया?

इस मामले का पेटीएम की अपने उपभोक्ताओं और व्यापारियों को दी जाने वाली सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं है, और सभी सेवाएं हमेशा की तरह पूरी तरह से चालू और सुरक्षित हैं।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Mar 01, 2025 21:44 IST, Updated : Mar 01, 2025 21:44 IST
कंपनी जरूरी कानूनी सलाह ले रही है और उचित उपायों का मूल्यांकन कर रही है।
Photo:FILE कंपनी जरूरी कानूनी सलाह ले रही है और उचित उपायों का मूल्यांकन कर रही है।

फिनटेक फर्म पेटीएम की मदर कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो सहायक कंपनियों के अधिग्रहण के संबंध में कंपनी द्वारा कुछ FEMA नियमों के कथित उल्लंघन के लिए नोटिस भेजा है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, एक्सचेंज फाइलिंग में ईडी ने यह जानकारी दी है। इस मामले में पेटीएम ने स्पष्ट किया कि कथित उल्लंघन उस अवधि से संबंधित है जब दोनों कंपनियां उसकी सहायक कंपनियां नहीं थीं। कंपनी ने बीएसई को जानकारी देते हुए कहा कि  उसे 28 फरवरी को अपनी सहायक कंपनियों लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के लिए प्रवर्तन निदेशालय से FEMA उल्लंघन नोटिस मिला है।

वर्ष 2015 से 2019 का मामला

खबर के मुताबिक, पेटीएम ने कहा कि यह कंपनी द्वारा दो सहायक कंपनियों लिटिल इंटरनेट प्राइवेट लिमिटेड और नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिग्रहण के संबंध में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 यानी FEMA के कुछ प्रावधानों के वर्ष 2015 से 2019 के लिए कथित उल्लंघन के संबंध में है। वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड, इसकी दो अधिग्रहीत सहायक कंपनियों, एलआईपीएल और एनआईपीएल, और दो सहायक कंपनियों के कुछ वर्तमान और पूर्व निदेशकों और अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है।

सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं

फाइलिंग में कहा गया है कि कथित उल्लंघन ओसीएल, एलआईपीएल और एनआईपीएल से संबंधित कुछ निवेश लेनदेन से संबंधित हैं। पेटीएम ने कहा कि मामले को लागू कानूनों के अनुसार हल करने पर ध्यान केंद्रित करके संबोधित किया जा रहा है। इस मामले का पेटीएम की अपने उपभोक्ताओं और व्यापारियों को दी जाने वाली सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं है, और सभी सेवाएं हमेशा की तरह पूरी तरह से चालू और सुरक्षित हैं।

कंपनी जरूरी कानूनी सलाह ले रही

फाइलिंग में कहा गया है कि कि लागू कानूनों और नियामक प्रक्रियाओं के मुताबिक मामले को हल करने के लिए, कंपनी जरूरी कानूनी सलाह ले रही है और उचित उपायों का मूल्यांकन कर रही है। पेटीएम ने 2017 में दोनों कंपनियों का अधिग्रहण किया था। ग्रुपऑन इंडिया का कारोबार अंकुर वारिकू ने 2011 में इसके संस्थापक सीईओ के रूप में शुरू किया था। वारिकू और ग्रुपऑन इंडिया की मुख्य प्रबंधन टीम ने 2015 में ग्रुपऑन के भारत कारोबार को खरीद लिया और इसे एक फ्री यूनिट बना दिया।

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