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बजट 2026-27 की तैयारी शुरू, PM मोदी ने अर्थशास्त्रियों के साथ की बैठक; मिशन 2047 पर हुई चर्चा

पीएम मोदी ने आज अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ एक बैठक की। इस बैठक में दीर्घकालिक वृद्धि बनाए रखने के लिए मिशन रूप में सुधार करने की जरूरत पर जोर दिया गया।

Edited By: Amar Deep @amardeepmau
Published : Dec 30, 2025 09:21 pm IST, Updated : Dec 30, 2025 09:21 pm IST
PM मोदी ने अर्थशास्त्रियों के साथ की बैठक।- India TV Paisa
Photo:PTI PM मोदी ने अर्थशास्त्रियों के साथ की बैठक।

नई दिल्ली: पीएम मोदी ने वित्त वर्ष 2026-27 के केंद्रीय बजट की तैयारियों से पहले नीति आयोग में जाने-माने अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ मंगलवार को बैठक की। इस दौरान उन्होंने दीर्घकालीन आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में मिशन रूप में सुधार किए जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने साल 2047 तक 'विकसित भारत' के संकल्प को पूरा करने की बात पर भी जोर दिया। बैठक में पीएम मोदी ने वैश्विक स्तर की क्षमताओं के निर्माण और अंतरराष्ट्रीय एकीकरण हासिल करने की जरूरत पर भी बल दिया। इस संवाद का विषय ‘आत्मनिर्भरता एवं संरचनात्मक रूपांतरण: विकसित भारत के लिए एजेंडा’ था। 

विकसित भारत का लक्ष्य

बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत की नीति-निर्माण प्रक्रिया और बजट निर्धारण में 2047 के लिए संकल्प को केंद्रीय रूप से रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को वैश्विक श्रम शक्ति और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाए रखना जरूरी है। पीएम मोदी ने 'विकसित भारत' के लक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प अब सरकारी नीतियों से इतर आम जन आकांक्षा बन चुका है। 

अर्थशास्त्रियों एवं विशेषज्ञों ने दिए सुझाव

चर्चा के दौरान अर्थशास्त्रियों एवं विशेषज्ञों ने निर्माण और सेवा क्षेत्रों में उत्पादकता और प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के उपायों पर रणनीतिक सुझाव साझा किए। उन्होंने यह भी कहा कि 2025 के दौरान विविध क्षेत्रों में हुए अभूतपूर्व सुधारों और आने वाले साल में उनके एकीकरण से भारत तेजी से बढ़ती वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखेगा, आधार मजबूत करेगा और नए अवसर खोलेगा। घरेलू बचत में वृद्धि, मजबूत बुनियादी ढांचे का विकास और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिये संरचनात्मक बदलावों की गति को तेज करना इस चर्चा के केंद्र में रहा। 

वित्त मंत्री सहित अन्य लोग थे मौजूद

अर्थशास्त्रियों एवं विशेषज्ञों ने एआई की भूमिका को विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने वाला उपकरण बताया और भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी संरचना (डीपीआई) को लगातार बढ़ाने पर भी चर्चा की। बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा एवं शक्तिकांत दास, मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी बी. वी. आर. सुब्रमण्यम और आयोग के अन्य सदस्य उपस्थित रहे। इसके अलावा कई प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ भी इस बैठक में मौजूद रहे।

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