Sunday, April 28, 2024
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रियल एस्टेट में प्राइवेट इक्विटी निवेश अप्रैल-दिसंबर अवधि में 26% लुढ़का, निवेशक रहे सतर्क

दुनिया में चल रहे भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और उच्च ब्याज दर के चलते इस अवधि में अधिकतर समय विदेशी निवेशकों की गतिविधियां धीमी रहीं।

Sourabha Suman Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: January 09, 2024 14:42 IST
कुल पीई प्रवाह में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी सालाना आधार पर 79 प्रतिशत से बढ़कर 86 प्रतिशत हो गई- India TV Paisa
Photo:FILE कुल पीई प्रवाह में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी सालाना आधार पर 79 प्रतिशत से बढ़कर 86 प्रतिशत हो गई।

रियल एस्टेट में निजी इक्विटी (पीई) निवेश सालाना आधार पर घट गया है। रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में रियल एस्टेट में निजी इक्विटी (पीई) निवेश सालाना आधार पर 26 प्रतिशत घट गया और यह 2.65 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। रिपोर्ट में इसके पीछे की वजह ग्लोबल अनिश्चितता और घरेलू निवेशकों का सतर्क रुख बताया गया। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई। भाषा की खबर के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में यह आंकड़ा 3.6 अरब डॉलर था।

कुल पीई प्रवाह में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी

खबर के मुताबिक, एनारॉक कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट ‘एफएलयूएक्स’ में कहा कि कुल पीई प्रवाह में से 84 प्रतिशत इक्विटी के रूप में था, जबकि बाकी लोन के रूप में था। एनारॉक कैपिटल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शोभित अग्रवाल ने कहा कि कुल पीई प्रवाह में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी सालाना आधार पर 79 प्रतिशत से बढ़कर 86 प्रतिशत हो गई। वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में भारतीय रियल एस्टेट में कुल पूंजी प्रवाह में घरेलू निवेश हिस्सेदारी घटकर 14 प्रतिशत रह गई।

घरेलू निवेशकों का निवेश घटा

चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में घरेलू निवेशकों का निवेश घटकर 36 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 71.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर था। एनारॉक का यह भी कहना है कि विदेशी और घरेलू निवेशकों की कम गतिविधि की खबर के चलते पीई निवेश में गिरावट आई है। दुनिया में चल रहे भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और उच्च ब्याज दर के चलते इस अवधि में अधिकतर समय विदेशी निवेशकों की गतिविधियां धीमी रहीं।

घरेलू एआईएफ (वैकल्पिक निवेश कोष) में गतिविधियां धीमी रहीं। इसकी वजह उनके पसंदीदा परिसंपत्ति वर्ग ‘आवासीय रियल एस्टेट ऋण’ में हाई कॉस्ट वाले फंड की कम डिमांड रही।

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