बीएसई के सीईओ ने कहा कि बीएसई चिंता के क्षेत्रों का पता लगाने के लिए आईपीओ दस्तावेजों की प्रारंभिक स्कैनिंग के लिए एआई और बड़े भाषा मॉडल का परीक्षण कर रहा है।
सोमवार को भी शेयर बाजार ने रिकवरी के साथ कारोबार बंद किया था। कल बीएसई सेंसेक्स 341.04 अंकों की बढ़त के साथ 74,169.95 अंकों पर और निफ्टी 111.55 अंकों की बढ़त के साथ 22,508.75 अंकों पर बंद हुआ था। इस तरह से पिछले 2 दिनों में सेंसेक्स में कुल 1472.35 और निफ्टी 50 में 437.10 अंकों की बढ़त दर्ज की गई है।
क्लियरिंग कॉरपोरेशन अब सिक्योरिटीज को सीधे निवेशकों के खातों में ट्रांसफर करेंगे, जो मौजूदा पद्धति की जगह लेगा, जिसमें ब्रोकर क्लाइंट को देने से पहले सिक्योरिटीज को पूल्ड अकाउंट में रखते हैं।
इन्वेस्ट पंजाब पहल के तहत पंजाब में पिछले ढाई साल में करीब 86,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ है। इस निवेश से राज्य में करीब 4 लाख नौकरियां पैदा होंगी। देशभर से कई जानी-मानी कंपनियां पंजाब में निवेश कर रही हैं। वे राज्य में अपनी फैक्ट्रियां और ऑफिस खोल रही हैं।
पीएम मोदी ने ग्लोबल समिट का उद्घाटन करने के बाद कहा, '' भारत के इतिहास में ऐसा मौका पहली बार आया है जब पूरी दुनिया भारत के लिए इतनी ऑप्टिमिस्टिक है। पूरी दुनिया में.. चाहे सामान्य जन हों, नीति के एक्सपर्ट् हों, विभिन्न देश हों या फिर इंस्टीट्यूशनंस हों.. सभी को भारत से बहुत आशाएं हैं।''
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भी इस तेजी को और बढ़ावा दिया, जिन्होंने पिछले दो सत्रों में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया।
राज्य अपने औद्योगिक बुनियादी ढांचे और उद्योग संबंधी नीतियों के माध्यम से भारत और विदेश से व्यवसाय को आकर्षित कर रहा है। इससे पहले बिहार लेदर इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन 18 नवंबर को कानपुर में उद्योग जगत के नेताओं, नीति निर्माताओं और निवेशकों के साथ मिलकर किया गया था।
भारतीय शेयर बाजार में आज आई तेजी के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत मुख्य वजह रही। ट्रंप की जीत से भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल देखने को मिला।
भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इसके चलते दुनियाभर के निवेशकों का रुझान भारत की ओर बढ़ा है। इससे भारतीय बाजार में तेजी बनी हुई है। इसका फायदा छोटे निवेशक म्यूचुअल फंड के जरिये उठा सकते हैं।
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को जोरदार गिरावट देखने को मिल रही है। दोपहर 1 बजकर 29 मिनट पर सेंसेक्स 1279.29 अंक लुढ़ककर 84314.25 के लेवल पर कारोबार कर रहा था, वहीं, निफ्टी 50 भी 372 अंक लुढ़कर 25806.95 के लेवल पर कारोबार कर रहा था।
कृषि भूमि खरीदने से पहले कागजी जानकारी जरूर जुटा लें। यह पता करें कि जो जमीन आप खरीदने जा रहे हैं वह विवाद मुक्त है या नहीं। अगर विवादित जमीन है तो कभी न खरीदें।
सेबी की इस पहल से बोनस शेयर आवंटन और कारोबार के बीच समय अंतराल कम होगा जिससे जारीकर्ताओं और निवेशकों दोनों को लाभ होने की उम्मीद है।
यहां हम बाजार पूंजीकरण यानी लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में म्यूचुअल फंड स्म के बारे में बता रहे हैं, जिसने पिछले तीन वर्षों में प्रत्येक श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
सेबी ने पाया कि प्रमोटर कंपनी से धन की हेराफेरी में संलिप्त हैं। डेबॉक इंडस्ट्रीज (डीआईएल) के प्रमोटर सुनील कलोट और मुकेश मनवीर सिंह की पत्नी प्रियंका शर्मा को भी प्रतिभूति बाजार से बैन किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नहीं है। वह राष्ट्र प्रथम दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सभी फैसले लेगी। पीएम मोदी ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब देश विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
सेबी ने इक्विटी कैश सेगमेंट में व्यक्तियों द्वारा इंट्राडे ट्रेडिंग में भागीदारी और लाभ और हानि के रुझानों का विश्लेषण करने के लिए एक अध्ययन किया है। 30 वर्ष से कम आयु के युवा इंट्राडे ट्रेडर्स की हिस्सेदारी 2018-19 में 18 प्रतिशत की तुलना में 2022-23 में बढ़कर 48 प्रतिशत हो गई है।
केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों के दायरे में सीएएमएस केआरए, बीएसई केआरए, एनएसई केआरए जैसी संस्थाएं आती हैं। नए आदेश के तहत केआरए को केवाईसी रिकॉर्ड हासिल होने के दो दिन के भीतर ग्राहक रिकॉर्ड के ब्योरे को वेरिफाई करने की जरूरत होती है जिसमें स्थायी खाता संख्या (पैन), नाम और पता शामिल है।
‘ग्राउंड ब्रेकिंग’ समारोह में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के 262 प्रोजेक्ट्स के अलावा 100-500 करोड़ रुपये तक की 889 औद्योगिक परियोजनाएं जमीन पर उतरेंगी। इससे सभी जिलों को फायदा पहुंचने वाला है।
अभी भी बहुत लोग हैं जो यह नहीं जानते हैं कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए वह अपना SIP अकाउंट कैसे खोलें। अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है।
दुनिया में चल रहे भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और उच्च ब्याज दर के चलते इस अवधि में अधिकतर समय विदेशी निवेशकों की गतिविधियां धीमी रहीं।
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