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चाय की चुस्की हो सकती है महंगी! इस कारण आने वाले दिनों में बढ़ेंगे चायपत्ती के दाम

भट्टाचार्य के अनुसार, उत्तर बंगाल में लगभग 300 चाय बागान हैं, जिनमें से 15 बंद हैं। टीएआई ने कहा कि उद्योग को उर्वरक, कोयला और रसायनों से लेकर उत्पादन लागत में अचानक वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है, जबकि नीलामी में कीमत बहुत कम मिल रही है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Nov 05, 2023 18:24 IST, Updated : Nov 05, 2023 18:26 IST
चाय बागान- India TV Paisa
Photo:FILE चाय बागान

भारत में करोड़ों लोग सुबह-सुबह चाय की चुस्की लेना पसंद करते हैं। यह संख्या समय के साथ बढ़ती ही जा रही है। इसके चलते भारत में चाय की खपत लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीच चाय पीने के शौकीनों के लिए एक बुरी खबर है। दरअसल, चाय उत्पादकों के निकाय भारतीय चाय संघ (टीएआई) ने कहा है कि उत्तरी बंगाल का चाय उद्योग गंभीर संकट से गुजर रहा है और क्षेत्र में कई बागान बंद हो गए हैं। टीएआई के महासचिव पी के भट्टाचार्य ने कहा कि अक्टूबर, 2023 में उत्तरी बंगाल में 13-14 चाय बागान बंद हो गए जिससे 11,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए। जानकारों का कहना हे कि चाय बागान बंद होने से चाय का उत्पादन प्रभावित होगा, जिससे आने वाले दिनों में चायपत्ती के दाम बढ़ेंगे। ठंड में वैसे भी चायपत्ती की अधिक खपत होती है, जिससे कीमत में तेजी आ जाती है। 

चाय बागानों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा

टीएआई ने कहा कि इस साल अप्रैल में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा घोषित अंतरिम मजदूरी में बढ़ोतरी के कारण संगठित और छोटे चाय कारखानों (बीएलएफ) सहित लगभग 300 बागानों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। इन क्षेत्रों में सालाना लगभग 40 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन होता है। भट्टाचार्य के अनुसार, उत्तर बंगाल में लगभग 300 चाय बागान हैं, जिनमें से 15 बंद हैं। टीएआई ने कहा कि उद्योग को उर्वरक, कोयला और रसायनों से लेकर उत्पादन लागत में अचानक वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है, जबकि नीलामी में कीमत बहुत कम मिल रही है। संघ ने यह भी कहा कि वित्तीय संकट को कम करने में मदद करने के लिए उद्योग ने पहले ही पश्चिम बंगाल सरकार के साथ बातचीत की है। 

सर्दियों में विनिर्माण इकाइयों को बंद करने का आदेश 

चाय बोर्ड ने अगले साल की पहली छमाही में बेहतर फसल के लिए उत्तर भारत में सर्दियों में चाय उत्पादक क्षेत्रों में विनिर्माण इकाइयों को बंद करने का आदेश दे रखा है। बोर्ड के आदेश के अनुसार दार्जिलिंग, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के सभी चाय कारखानों के लिए हरी पत्तियां तोड़ने या लेने की आखिरी तारीख 11 दिसंबर तय की गई है। वहीं पश्चिम बंगाल के दुआर तथा तराई क्षेत्र और बिहार के लिए तारीख 23 दिसंबर है। दार्जिलिंग, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कारखानों में हरी पत्ती के प्रसंस्करण की अंतिम तारीख 13 दिसंबर, जबकि तराई, दुआर और बिहार के लिए तारीख 26 दिसंबर है। आदेश में कहा गया कि दार्जिलिंग, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के लिए छंटाई, पैकिंग और पैक की गई चाय को अधिसूचित भंडारण क्षेत्रों में बिल मार्किंग के साथ ले जाने की अंतिम तिथि 26 दिसंबर होगी। पश्चिम बंगाल के दुआर तथा तराई क्षेत्र और बिहार में सीटीसी किस्म के लिए छह जनवरी 2024 और हरी चाय किस्मों के लिए 11 जनवरी 2024 की तारीख तय की गई है।

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