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Year Ender 2023: बैंकिंग सेक्टर के लिए शानदार साल रहा, बैंकों का मुनाफा रिकॉर्ड 1.50 लाख करोड़ संभव

चालू वित्त वर्ष के पहले आठ माह (अप्रैल-नवंबर) में बैंकों के पास कुल जमा में 12.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले समान अवधि में जमा में 9.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। रिजर्व बैंक के ताजा बुलेटिन के अनुसार, एक दिसंबर, 2023 को ऋण वृद्धि एक साल पहले के 17.5 प्रतिशत से घटकर 16.4 प्रतिशत रह गई।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: December 27, 2023 13:49 IST
SBI Bank - India TV Paisa
Photo:FILE बैंक

भारतीय बैंकिंग सेक्टर के लिए 2023 का साल काफी अच्छा रहा है। चालू वित्त वर्ष में देश के सरकारी बैंकों का कुल मुनाफा 1.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। मजबूत आर्थिक वृद्धि के बीच कर्ज की ऊंची मांग की वजह से देश के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति इस समय काफी सुधर चुकी है। चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लगभग 68,500 करोड़ रुपये कमाए हैं और दूसरी छमाही में भी यह रफ्तार जारी रहने की उम्मीद है। यदि यह रुझान जारी रहता है, तो 2023-24 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का शुद्ध लाभ 1.50 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 1.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था। 

एनपीए कम होने से बैंकों का बैलेंस सिट मजबूत हुआ

माना जा रहा है कि गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के मोर्चे पर स्थिरता, मजबूत ऋण मांग और ऊंची ब्याज दर व्यवस्था से आने वाले महीनों में बैंकों की लाभप्रदता में मदद मिलेगी। कोटक महिंद्रा बैंक की पूर्णकालिक निदेशक शांति एकंबरम ने बताया, ‘‘अंतर्निहित अर्थव्यवस्था ने बहुत मजबूती दिखाई है। आखिरकार, जब अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन करती है तो बैंकिंग क्षेत्र का प्रदर्शन भी अच्छा रहता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल में भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से संशोधित कर सात प्रतिशत कर दिया है।’’ उन्होंने कहा कि वृद्धि मजबूत है। खुदरा खंड के साथ कर्ज की मांग डेढ़ साल पहले शुरू हुई थी। अब यह पूंजीगत व्यय की ओर बढ़ रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि जमा वृद्धि ऋण वृद्धि की तुलना में धीमी रही है और यही चुनौती है जिससे बैंकों को आने वाले महीनों में निपटना है। 

ब्याज दर कुछ समय तक ऊंची बनी रहेगी

उन्होंने कहा कि जमा में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन यह अब भी कर्ज वृद्धि की तुलना में पांच प्रतिशत कम है। चालू वित्त वर्ष के पहले आठ माह (अप्रैल-नवंबर) में बैंकों के पास कुल जमा में 12.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले समान अवधि में जमा में 9.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। रिजर्व बैंक के ताजा बुलेटिन के अनुसार, एक दिसंबर, 2023 को ऋण वृद्धि एक साल पहले के 17.5 प्रतिशत से घटकर 16.4 प्रतिशत रह गई। धीमी जमा राशि जुटाने से चालू खाते और बचत खाते (कासा) में गिरावट आएगी जिससे दर में कटौती की गुंजाइश सीमित हो जाएगी। जैसा कि अक्टूबर में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने संकेत दिया था, ब्याज दर कुछ समय तक ऊंची बनी रहेगी। विश्लेषकों के अनुसार, केंद्रीय बैंक द्वारा कम से कम अगले छह महीनों तक नीतिगत दर में कटौती की संभावना नहीं है। आवास, कार, शिक्षा और व्यक्तिगत ऋण की मांग में दोहरे अंक की वृद्धि जारी रहेगी। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्र से ऋण की मांग में कमी आई है। दोपहिया और ट्रैक्टर की बिक्री में गिरावट से इसका पता चलता है। यहां तक ​​कि ब्याज दर के ऊंचे स्तर के कारण अधिकांश बैंकों के लिए शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) तीन प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। बैंकों के लिए एक अच्छी बात एनपीए में कमी है। 

साइबर धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़े

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के सकल एनपीए में पिछले तीन साल में गिरावट आई है। बैंकिंग क्षेत्र के लिए इस साल एक प्रमुख घटनाक्रम उदय कोटक का कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) का पद छोड़ने की घोषणा रहा। उनके उत्तराधिकारी अशोक वासवानी अगले साल प्रभार संभालेंगे। हालांकि, बैंकिंग प्रणाली की वित्तीय स्थिति मजबूत हुई है, लेकिन इस साल बैंकों में कुछ धोखाधड़ी के मामले भी सामने आए। यूको बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को साइबर धोखाधड़ी का सामाना करना पड़ा।

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