Electronics Export: इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया में चीन बेताज बादशाह की पोजिशन हासिल किए हुए है। लेकिन भारत भी इस मामले में कतई पीछे नहीं है। यही नहीं 2026 तक भारत इस क्षेत्र में बड़े बदलाव की इबारत रख रहा है। सरकार के ताजा अनुमान के अनुसार आने वाले 3 से 4 साल में इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार में भारत का डंका बजेगा और भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात वित्त वर्ष 2025-26 तक 120 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
केंद्रीय उद्यमशीलता, कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात वित्त वर्ष 2025-26 तक 120 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा और यह राज्य सरकारों की केंद्र के साथ साझेदारी से ही संभव होगा। चंद्रशेखर ने यहां महिंद्रा वर्ल्ड सिटी में नई एवं अत्याधुनिक विनिर्माण इकाई पेगाट्रन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के उद्घाटन के अवसर पर यह बात कही।
चीन को परेशान कर देंगे ये आंकड़े
- देश में अनुमानित 70-75 अरब डॉलर इलेक्ट्रॉनिक्स का विनिर्माण होता है जिसके 2025-26 तक 300 अरब डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य है।
- भारत 2014 तक 90 फीसदी मोबाइल आयात करता था और अब वह मोबाइल फोन की अपनी 97 फीसदी जरूरत को खुद ही पूरा कर रहा है।
- भारत 2014 तक मोबाइल फोन का निर्यात नहीं करता था। लेकिन अब 50,000 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन, सैमसंग फोन और अन्य फोन का निर्यात कर रहा है।
- 90 फीसदी मोबाइल फोन आयात करते थे और अब 97 फीसदी का उत्पादन घरेलू स्तर पर करते हैं।
20 अरब डॉलर के मोबाइल निर्यात
चंद्रशेखर ने इस महज एक शुरुआत बताते हुए कहा कि अभी 16-20 अरब डॉलर के मोबाइल फोन का निर्यात किया जा रहा है और वित्त वर्ष 2025-26 तक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का निर्यात 120 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। मंत्री ने कहा कि यह राज्य सरकारों की केंद्र सरकार के साथ साझेदारी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुरू की गई योजनाओं की बदौलत संभव होगा। पेगाट्रन टेक्नोलॉजी इंडिया ताइवान की पेगाट्रन कॉरपोरेशन की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी है। इस संयंत्र की निर्माण लागत 1,100 करोड़ रुपये आई है और इसके जरिये क्षेत्र में 14,000 नए रोजगार का सृजन होगा।