Friday, December 12, 2025
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IndiGo पर करीब ₹59 करोड़ का लगा भारी जुर्माना, जानें सरकार ने महंगे हवाई किराये पर क्या कहा?

दक्षिण दिल्ली आयुक्त कार्यालय के केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के अतिरिक्त आयुक्त ने यह जुर्माना लगाया है। इंडिगो की उड़ानों में हालिया व्यवधान के बाद केंद्र सरकार ने इस महीने घरेलू उड़ानों के लिए दूरी के आधार पर किराए की अधिकतम सीमा लगाई थी।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Dec 12, 2025 10:42 pm IST, Updated : Dec 12, 2025 10:42 pm IST
केंद्र सरकार के पास विशेष परिस्थितियों में हवाई किराए पर सीमा (कैप) लगाने का अधिकार है। - India TV Paisa
Photo:PIXABAY/PTI केंद्र सरकार के पास विशेष परिस्थितियों में हवाई किराए पर सीमा (कैप) लगाने का अधिकार है।

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पर जीएसटी से संबंधित लगभग 59 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। एयरलाइन ने शुक्रवार को शेयर बाजार को यह जानकारी दी। दक्षिण दिल्ली आयुक्त कार्यालय के केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के अतिरिक्त आयुक्त ने वित्त वर्ष 2020–21 के लिए 58,74,99,439 रुपये का जुर्माना लगाया है। इंडिगो का कहना है कि वह इस आदेश को चुनौती देगी। एयरलाइन ने अपने बयान में कहा कि हम मानते हैं कि नियामक अधिकारियों द्वारा जारी किया गया आदेश त्रुटिपूर्ण है। इस मामले में हमारे पास मजबूत तर्क मौजूद हैं, जिनकी पुष्टि बाहरी कर विशेषज्ञों की सलाह से भी होती है। इसलिए कंपनी इस आदेश को संबंधित प्राधिकरण के समक्ष चुनौती देगी।

पूरे वर्ष हवाई किराए तय नहीं कर सकती सरकार

उधर, इंडिगो संकट के चलते बढ़ती हवाई टिकट कीमतों पर चिंताओं के बीच, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राम मोहन नायडू ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार के पास विशेष परिस्थितियों में हवाई किराए पर सीमा (कैप) लगाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि हालिया इंडिगो उड़ान व्यवधानों के दौरान इसी शक्ति का इस्तेमाल किया गया। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार पूरे वर्ष हवाई किराए तय नहीं कर सकती क्योंकि त्योहारों के दौरान टिकटों का महंगा होना एक सामान्य ट्रेंड है।

विमानों की उपलब्धता की कमी का मुद्दा भी उठाया

खबर के मुताबिक, लोकसभा में देश में हवाई किराए को विनियमित करने के उपाय पर निजी प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री ने विमानों की उपलब्धता की कमी का मुद्दा भी उठाया और बताया कि भारत में विमानों के निर्माण को लेकर चर्चा जारी है। यह प्रस्ताव कांग्रेस सांसद शफी पारंबिल ने पेश किया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।

सरकार ने लगाई थी दूरी-आधारित किराया सीमा

इंडिगो की उड़ानों में हालिया व्यवधान के बाद केंद्र सरकार ने इस महीने घरेलू उड़ानों के लिए दूरी के आधार पर किराए की अधिकतम सीमा लगाई थी। नायडू ने कहा कि भारत में घरेलू हवाई किराए अन्य देशों के बराबर हैं और पूरे देश में किराए को नियंत्रित करना व्यावहारिक नहीं होगा।

मुक्त बाजार से उपभोक्ताओं को फायदा: नायडू

मंत्री ने कहा कि मुक्त बाजार आखिरकार उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होता है और त्योहारों के समय टिकट महंगे होना स्वाभाविक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र की वृद्धि का आधार डीरेगुलेशन ही है। परंतु, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया- उन्मुक्त बाजार का मतलब यह नहीं है कि एयरलाइंस को पूरी छूट मिल जाए। जरूरत पड़ने पर सरकार के पास हस्तक्षेप की पूरी शक्ति है।

अलायंस एयर ने शुरू किया फिक्स्ड किराए का पायलट प्रोजेक्ट

नायडू ने बताया कि सरकारी एयरलाइन अलायंस एयर ने तीन महीने के लिए फिक्स्ड हवाई किराए का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। अगर यह योजना यात्रियों को राहत देती है और प्रतिक्रिया सकारात्मक मिलती है, तो मंत्रालय निजी एयरलाइंस के लिए भी ऐसी योजना पर विचार कर सकता है।

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