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Share Market तीसरे दिन धड़ाम, सेंसेक्स 844 अंक लुढ़का, निवेशकों के 5 लाख करोड़ से अधिक डूबे

अमेरिका समेत यूरोपीय बाजार में जारी बिकवाली को देखते घरेलू निवेशक जोखिम लने से बच रहे हैं। इसके साथ ही वैश्विक जगत में मंदी की चिंता से भी निवेशक डरे हुए हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Oct 11, 2022 17:07 IST, Updated : Oct 11, 2022 17:07 IST
Share market - India TV Paisa
Photo:FILE Share market

Highlights

  • सेंसेक्स 844 अंक टूटा, निफ्टी 17,000 से नीचे फिसला
  • निफ्टी 257.45 अंक की गिरावट के साथ 16,983.55 अंक पर बंद हुआ
  • रुपया मंगलवार को पांच पैसे चढ़कर 82.35 प्रति डॉलर पर बंद हुआ

Share Market लगातार तीसरे दिन मंगलवार को बड़ी गिरावट आई। शुरुआती कारोबार में मामूली गिरावट के बाद बाद में तेज गिरावट बाजार में देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स करीब 844 अंक टूटकर बंद हुआ। कमजोर वैश्विक रुख और विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी से बाजार नीचे आया। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 843.79 अंक यानी 1.46 प्रतिशत लुढ़ककर 57,147.32 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 940.71 अंक तक नीचे चला गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 257.45 अंक यानी 1.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,983.55 अंक पर बंद हुआ। 

निवेशकों को ऐसे हुआ भारी नुकसान 

तीसरे दिन बाजार में गिरावट आने से निवेशकों को 5 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। दरअसल, 7 अक्टूबतर को जब बाजार बंद हुआ था तो बीएसई पर सचूबीद्ध कंपनियों का पूंजीकरण 2.75 लाख करोड़ से अधिक था जो 11 अक्टूबर को बाजार बंद होने पर घटकर 2.70 लाख करोड़ रह गया। इस तरह निवेशकों को इतना बड़ नुकसान उठाना पड़ा है। 

इन कंपनियों के शेयरों में बिकवाली 

सेंसेक्स के तीस शेयरों में से इंडसइंड बैंक, नेस्ले इंडिया, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, डॉ.रेड्डीज, टाइटन और रिलायंस इंडस्ट्रीज प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, एक्सिस बैंक और एशियन पेंट्स लाभ में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजार सोमवार को नुकसान में रहा। 

घरेलू बाजार में बिक्री आक्रामक नहीं 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर जारी संकट के कारण उत्पन्न उठा-पटक को देखते हुए निवेशक जोखिम लेने से बच रहे हैं। साथ ही वे आर्थिक नरमी को लेकर भी चिंतित हैं। निवेशक मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने से पहले भी सतर्क हैं। इससे आईटी कंपनियों के बेहतर परिणाम आने शुरू होने का बाजार पर सकारात्मक असर दिखाई नहीं दिया।’’ उन्होंने कहा कि हालांकि दुनिया के अन्य प्रमुख बाजारों की तुलना में, घरेलू बाजार में बिक्री आक्रामक नहीं है। एफआईआई जो बिकवाली कर रहे हैं, उसकी भरपाई काफी हद तक घरेलू संस्थागत निवेशक कर रहे हैं।’’ इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 2.59 प्रतिशत घटकर 93.70 डॉलर प्रति बैरल रहा। शेयर बाजार में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को शुद्ध रूप से 2,139.02 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। 

रुपया पांच पैसे चढ़कर 82.35 प्रति डॉलर पर बंद 

अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया मंगलवार को सीमित दायरे में कारोबार के बाद पांच पैसे चढ़कर 82.35 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.35 पर खुला और कारोबार के दौरान 82.32 के उच्चस्तर तक गया और 82.41 के निचले स्तर तक आया। अंत में रुपया सीमित दायरे में कारोबार के बाद पिछले बंद भाव के मुकाबले पांच पैसे बढ़कर 82.35 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इससे पहले, सोमवार को रुपया 10 पैसे की गिरावट लेकर 82.40 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा और सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘डॉलर के मुकाबले सर्वकालिक निचले स्तर पर जाने के बाद रुपये ने सीमित दायरे में कारोबार किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका के उम्मीद से बेहतर रोजगार के आंकड़ों के चलते पिछले कुछ सत्रों में डॉलर में मजबूती आई है। 

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