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विदेशी निवेशकों का मूड आखिर कब ठीक होगा? इस महीने अबतक शेयर बाजार से निकाले इतने हजार करोड़

एफपीआई ने मार्च, 2022 तक भारतीय शेयर बाजारों में लगातार छह महीने तक बिकवाली की थी। इस दौरान उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों से 1.48 लाख करोड़ रुपये निकाले थे।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: April 24, 2022 13:47 IST
FPI- India TV Paisa
Photo:FILE

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Highlights

  • मार्च, 2022 तक शेयर बाजारों में लगातार छह महीने तक बिकवाली की थी FPI
  • अप्रैल के पहले सप्ताह में शेयरों में 7,707 करोड़ रुपये डाले थे FPI
  • फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से धारणा को प्रभावित हो रही

नई दिल्ली। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से बढ़ोतरी की आशंका के बीच विदेशी निवेशकों ने इस महीने अबतक भारतीय बाजारों से 12,300 करोड़ रुपये निकाले हैं। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना, रूस-यूक्रेन युद्ध, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, घरेलू मोर्चे पर ऊंची मुद्रास्फीति की वजह से भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का निवेश प्रवाह दबाव में रहेगा। एफपीआई ने मार्च, 2022 तक भारतीय शेयर बाजारों में लगातार छह महीने तक बिकवाली की थी। इस दौरान उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों से 1.48 लाख करोड़ रुपये निकाले थे। 

अप्रैल के पहले हफ्ते में लंबे समय बाद किया था निवेश 

इसकी मुख्य वजह फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की आशंका और रूस के यूक्रेन पर हमले की वजह से पैदा हुए हालात थे। लगाताह छह माह तक बिकवाली के बाद एफपीआई ने अप्रैल के पहले सप्ताह में शेयरों में 7,707 करोड़ रुपये डाले थे। इसके बाद 11 से 13 अप्रैल के कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह के दौरान उन्होंने शेयरों से 4,500 करोड़ रुपये की निकासी की। उसके बाद के सप्ताह में भी एफपीआई की बिकवाली जारी रही। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 22 अप्रैल के दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से 12,286 करोड़ रुपये की निकासी की है। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बांड बाजार से भी 1,282 करोड़ रुपये की निकासी की है। 

ब्याज दरों में बढ़ोतरी से ​धारणा प्रभावित हो रही 

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से निवेशकों की धारणा को प्रभावित हो रही है। ऐसे में निवेशक उभरते बाजारों में अपने निवेश को लेकर एक बार फिर सतर्क रुख अपना रहे हैं।’’ कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, ऊंची मुद्रास्फीति, सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में कमी जैसे कारणों से निकट भविष्य में एफपीआई के प्रवाह में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। भारत के अलावा एफपीआई ने अप्रैल में अन्य उभरते बाजारों मसलन ताइवान, दक्षिण कोरिया और फिलिपीन से भी निकासी की है। 

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