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2000 से अधिक के UPI ट्रांजैक्शन पर लगेगी इंटरचेंज फीस, जानिए किस पर पड़ेगा बोझ

यूपीआई से मर्चेंट ट्रांजैक्शंस पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स फीस लागू होगी। यह फीस 2000 रुपये से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर देना होगा।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Mar 29, 2023 13:02 IST, Updated : Mar 29, 2023 15:03 IST
UPI Payment- India TV Paisa
Photo:FILE UPI Payment

यूपीआई पेमेंट महंगा होने जा रहा है? क्या आपको अब 2000 से अधिक के पेमेंट पर अतिरिक्त चार्ज देना होगा? मीडिया में आ रही ऐसी खबरों को सिरे से नकारते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने बुधवार को कहा कि बैंक खाते से लेकर बैंक खाता आधारित यूपीआई भुगतान या सामान्य यूपीआई भुगतान पर कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। एनपीसीआई ने एक बयान में स्पष्ट किया कि इंटरचेंज शुल्क केवल प्रीपेड भुगतान उपकरणों (पीपीआई) मर्चेंट लेनदेन के लिए लागू होते हैं और ग्राहकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। 

एनसीपीआई ने पीपीआई वॉलेट को इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा बनने की अनुमति दी है और पीपीआई का उपयोग करते हुए 2,000 रुपये से अधिक के एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) लेनदेन पर 1.1 प्रतिशत शुल्क लगाया है। 

क्या है इस आदेश का मतलब

आपको बता दें कि प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स वॉलेट या कार्ड के जरिए ट्रांजैक्शन पर लगता है। लेकिन नए सर्कुलर के बाद अब यही चार्ज यूपीआई ट्रांजेक्शन पर भी लगेगा।सर्कुलर में बताया गया है कि 2000 रुपये से अधिक के पेमेंट पर 1.1 प्रतिशत की इंटरचेंज फीस वसूली जाएगी। बयान में कहा गया है कि, ’शुरू किए गए इंटरचेंज शुल्क केवल पीपीआई मर्चेंट लेनदेन के लिए लागू होते हैं और ग्राहकों के लिए कोई शुल्क नहीं है, और यह आगे स्पष्ट किया जाता है कि बैंक खाते के लिए बैंक खाता-आधारित यूपीआई भुगतान (यानी सामान्य यूपीआई भुगतान) के लिए कोई शुल्क नहीं है।’

मुफ्त रहेगा UPI

यूपीआई के साथ, ग्राहकों के पास यूपीआई-सक्षम ऐप पर किसी भी बैंक खाते, रुपे क्रेडिट कार्ड और प्रीपेड वॉलेट का उपयोग करने का विकल्प होगा। सरकार ने कहा कि हाल के दिनों में यूपीआई मुफ्त, तेज, सुरक्षित और निर्बाध अनुभव प्रदान करके डिजिटल भुगतान के पसंदीदा तरीके के रूप में उभरा है। परंपरागत रूप से, यूपीआई लेनदेन का सबसे पसंदीदा तरीका भुगतान करने के लिए किसी भी यूपीआई-सक्षम ऐप में बैंक खाते को जोड़ना है जो कुल यूपीआई लेनदेन का 99.9 प्रतिशत से अधिक योगदान देता है।

ये पेमेंट होंगे दायरे से बाहर 

सर्कुलर में बताया गया है कि यह चार्ज केवल व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को ही देना पड़ेगा। इस सर्कुलर के अनुसार बैंक अकाउंट और यूपीआई वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर  और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट पर कोई चार्ज लागू नहीं होगा। ये सारे पेमेंट पुराने नियमों के अनुसार ही होंगे।

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