नई दिल्ली। आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2019-20 के लिए व्यक्तिगत तथा कंपनियों के स्तर पर भरे जाने वाले आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म को अधिसूचित कर दिया है। आयकर रिटर्न-1 या सहज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस फॉर्म को वेतनभोगी वर्ग द्वारा भरा जाता है। वहीं आईटीआर 2, 3, 4, 5, 6 और 7 के कुछ खंडों को तर्कसंगत बनाया गया है।
व्यक्तियों तथा कंपनियों को 2018-19 में हुई आय की जानकारी देते हुए चालू वित्त वर्ष में रिटर्न भरना होगा। जिन लोगों की सालाना आय 50 लाख रुपए तक है और यह आय वेतन, एक मकान से है तथा ब्याज और कृषि आय जैसे अन्य स्रोतों से आय 5,000 रुपए तक की आय है, वह आईटीआर-1 में अपनी आय का ब्यौरा भरेंगे।
आईटीआर-2 उन लोगों द्वारा भरा जाता है, जिनकी आय व्यापार या पेशे में लाभ से नहीं है। वहीं आईटीआर-3 उन लोगों और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) द्वारा भरे जाते हैं, जिनकी आय व्यापार या पेशे से प्राप्त लाभ के जरिये होती है।
आईटीआर-4 यानी सुगम उन लोगों या एचयूएफ अथवा कंपनियों (एलएलपी के अलावा) के लिए है, जिनकी आय 50 लाख रुपए तक है तथा व्यापार एवं पेशे से प्राप्त अनुमानित आय दिखाते हैं। आईटीआर-3 और आईटीआर-6 (कंपनियों) में माल एवं सेवा कर के लिए दिखाए गए कारोबार/सकल प्राप्ति दिखानी होगी। पिछले साल तक यह केवल आईटी-4 भरने वालों पर ही लागू था।
आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख उन लोगों के लिए 31 जुलाई है, जिनके खातों को ऑडिट कराने की जरूरत नहीं है।