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Insurance: इजरायल-हमास युद्ध से क्या आपका इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ जाएगा? यहां समझिए क्या होगा असर

ग्लोबल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी युद्ध प्रभावित देशों के लिए कोई कवरेज न होने की अतिरिक्त शर्त के साथ आ सकती हैं। इंश्योरेंस कंपनी एक्टिव युद्ध क्षेत्र में आपके मेडिकल बिल को कवर करने से इनकार कर सकता है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Oct 16, 2023 7:06 IST, Updated : Oct 16, 2023 7:06 IST
जानकार का कहना है कि इंश्योरेंस इंडस्ट्री इंटरनली दुनिया में सामाजिक और राजनीतिक वास्तविकताओं से लिं- India TV Paisa
Photo:INDIA TV जानकार का कहना है कि इंश्योरेंस इंडस्ट्री इंटरनली दुनिया में सामाजिक और राजनीतिक वास्तविकताओं से लिंक्ड है।

इज़राइल और फिलिस्तीन के हमास के बीच करीब 10 दिनों से युद्ध (Israel-Hamas war) चल रहा है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि इंश्योरेंस इंडस्ट्री इंटरनली दुनिया में सामाजिक और राजनीतिक वास्तविकताओं से लिंक्ड है। ऐसे में बीमा प्रीमियम (insurance premium) पर इसका असर देखने को मिल सकता है।  बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक, इंडस्ट्री से जुड़े जानकार का कहना है कि रीइंश्योरेंस कॉस्ट जो इंश्योरेंस कंपनियों के लिए इंश्योरेंस है, भी ज्यादा महंगा हो सकता है।

जानकार कहते हैं कि भारतीय इंश्योरेंस कंपनिया हमेशा अपने रिस्क को फैलाने के लिए रीइंश्योरेंस खरीदती हैं। ऐसे में इज़राइल में संघर्ष से पैदा हुए क्लेम की क्वांटिटी ज्यादा हुई और इंटरनेशनल रीइंश्योरेंस कॉस्ट बढ़ती है तो यह इनडायरेक्ट तौर पर भारत में बीमा प्रीमियम पर असर डाल सकता है। आइए यहां समझते हैं कि किस तरह के इंश्योरेंस प्रीमियम पर इसका असर हो सकता है।

एक्सपोर्टर प्रीमियम बढ़ने के आसार

एक्सपर्ट्स का मानना है कि इज़राइल में संघर्ष से शिपिंग और ट्रेड रूट्स में रिस्क बढ़ सकता है। इसका असर यह होगा कि वहां से आने वाले शिपमेंट के लिए समुद्री बीमा प्रीमियम ज्यादा हो सकता है। जो भारतीय एक्सपोर्टर इज़राइल को सामान और सर्विस भेज रहे हैं, उन्हें ज्यादा एक्सपोर्टर इंश्योरेंस प्रीमियम देना पड़ सकता है।

ट्रैवल इंश्योरेंस प्रीमियम
अगर किसी क्षेत्र में युद्ध चल रहा है तो वहां या उसके आस-पास के क्षेत्रों या देशों के लिए आपका ट्रैवल इंश्योरेंस प्रीमियम भी थोड़ा महंगा हो सकता है। इन क्षेत्रों को हाई रिस्क जोन माना जाता है।  बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक, ऐसे में ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां ट्रैवल प्लानिंग की पेशकश करने से भी बच सकते हैं। प्रीमियम (insurance premium) पर असर आम तौर पर अस्थायी होता है और स्थिति स्थिर होने पर यह सामान्य हो सकता है।

ग्लोबल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम
ग्लोबल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम (Global Health Insurance Policy Premium) इनडायरेक्टर तौर पर युद्ध का नतीजा हो सकता है। ग्लोबल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी युद्ध प्रभावित देशों के लिए कोई कवरेज न होने की अतिरिक्त शर्त के साथ आ सकती हैं। इंश्योरेंस कंपनी एक्टिव युद्ध क्षेत्र में आपके मेडिकल बिल को कवर करने से इनकार कर सकता है। लेकिन आप अपनी ग्लोबल हेल्थ स्कीम का लाभ किसी पड़ोसी देश या अपनी पॉलिसी में शामिल देश में पहुंचने के बाद फिर से हासिल कर सकते हैं।

पॉलिटिकल रिस्क इंश्योरेंस
पॉलिटिकल रिस्क इंश्योरेंस यानी राजनीतिक जोखिम बीमा एक फाइनेंशियल प्रोडक्ट है जिसे कारोबार और निवेशकों को राजनीतिक अस्थिरता के चलते होने वाले नुकसान से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें सरकारी कार्रवाई, युद्ध, आतंकवाद, या नागरिक अशांति, संभावित रूप से संपत्तियों, करार की रक्षा जैसे जोखिम शामिल हैं। यह इंस्योरेंस हाई रिस्क जोन में काम करने वाली संस्थाओं के लिए विशेष रूप से जरूरी है।

साइबर इंश्योरेंस
साइबर अटैक आज के समय में एक वास्तविक खतरा बन गए हैं, जिससे जोखिम मूल्यांकन में काफी बदलाव आ रहा है। किसी देश या स्टेट की तरफ से प्रायोजित साइबर अटैक में बढ़ोतरी, जो विशेष रूप से इज़राइल-हमास संघर्ष (Israel-Hamas war)में देखी गई, इसकी काफी संभावना है कि यह साइबर इंश्योरेंस प्रीमियम (Cyber Insurance) को बढ़ा देगी। साइबर वॉर की बढ़ती फ्रीक्वेंसी और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, साइबर इंश्योरेंस जोखिम प्रोफाइल का फिर से रिव्यू कर सकते हैं।

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