Friday, December 05, 2025
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ITR फाइल करने के ये 8 बड़े फायदे जानते हैं आप! टैक्स सेविंग से लेकर आसान लोन तक लेना हो जाता है आसान

आईटीआर दाखिल करना एक ऐसा फॉर्म है जिसमें आप किसी विशेष वित्तीय वर्ष के लिए अपनी आय का विवरण, अन्य आय पर देय कर, कटौतियों और छूटों की घोषणा करते हैं। टैक्स योग्य आय या मूल छूट सीमा से अधिक आय वाले व्यक्तियों को हर साल नियत तिथि से पहले अनिवार्य रूप से आईटीआर दाखिल करना होता है।

Written By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Aug 12, 2025 06:29 pm IST, Updated : Aug 12, 2025 06:32 pm IST
समय पर इनकम टैक्स रिटर्न न भरने पर आयकर विभाग द्वारा जुर्माना भी लगाया जा सकता है।- India TV Paisa
Photo:INDIA TV/FREEPIK समय पर इनकम टैक्स रिटर्न न भरने पर आयकर विभाग द्वारा जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

अगर आप अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर फाइल करने को सिर्फ एक औपचारिकता मानते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। आईटीआर फाइल करना न सिर्फ आपकी कानूनी जिम्मेदारी पूरी करता है, बल्कि इससे आपको कई फायदे भी मिलते हैं- चाहे बात टैक्स सेविंग की हो या लोन लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने की। आइए जानते हैं ITR फाइल करने के ऐसे 8 बड़े फायदे जो किसी भी टैक्सपेयर को जरूर जानना चाहिए।

लोन मिलने में होगी आसानी

एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के मुताबिक, होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन के लिए आवेदन करते समय बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स को आपकी इनकम स्टेबिलिटी जानना जरूरी होता है। ऐसे में लगातार तीन साल का इनकम टैक्स रिटर्न का होना लोन की मंजूरी में काफी मदद करता है।

आय का प्रमाण 

आईटीआर आपकी सालाना इनकम और टैक्स भुगतान का विस्तृत डिटेल देता है, इसलिए यह सबसे अधिक मान्यता प्राप्त इनकम प्रूफ में से एक है। नौकरी, वीज़ा या अन्य किसी जरूरत के लिए आय प्रमाण मांगे जाने पर ITR काम आता है।

वीजा प्रोसेसिंग हो जाएगा आसान

अगर आप विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो वीजा आवेदन के समय अधिकतर दूतावास आपके ITR दस्तावेज मांगते हैं। इससे वे आपकी आय और टैक्स स्थिति का आकलन कर पाते हैं।

टैक्स रिफंड का क्लेम

अगर आपने अपनी वास्तविक टैक्स देनदारी से अधिक टैक्स भुगतान किया है, तो आईटीआर फाइल करके आप टैक्स रिफंड का दावा कर सकते हैं। वेरिफिकेशन के बाद आयकर विभाग यह राशि सीधे आपके बैंक खाते में जमा कर देता है।

व्यापार में घाटा होने पर हुई हानियों की भरपाई

अगर किसी वित्तीय वर्ष में व्यापार में घाटा हुआ है, तो आप ITR फाइल कर के उस हानि को अगले वर्ष में आगे ले जा सकते हैं। लेकिन यह लाभ सिर्फ तब मिलेगा जब आप समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करेंगे।

प्रिजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम का भी फायदा

खुद का रोजगार करने वाले व्यक्तियों और पेशेवरों के लिए प्रिजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम एक राहत है। इसके तहत आपको रेगुलर बैलेंसशीट रखने की जरूरत नहीं होती, बस तय दर पर आय घोषित कर आईटीआर फाइल की जा सकती है।

जुर्माने से बचाव

समय पर इनकम टैक्स रिटर्न न भरने पर आयकर विभाग द्वारा जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ऐसे में हर साल तय समय-सीमा में रिटर्न फाइल कर आप इस तरह की पेनाल्टी और दूसरी कानूनी परेशानियों से बच सकते हैं।

मेडिकल इंश्योरेंस पर टैक्स डिडक्शन का फायदा

आयकर की धारा 80D के तहत आप हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह छूट और भी अधिक हो सकती है। ITR फाइलिंग से यह दावा करना आसान हो जाता है।

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