प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजीकरण का जोरदार शब्दों में समर्थन करते हुए कहा था कि सरकार का काम व्यवसाय करना नहीं है। वहीं इंडस्ट्री ने कहा है कि इस बयान से सरकार की सोच में बदलाव का पता चलता है।
उद्योग मंडल सीआईआई ने बृहस्पतिवार को कहा कि उद्योग ने कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में भागीदारी की इच्छा जतायी है। इसका मकसद सरकार को प्राथमिकता वाले चिन्हित लक्ष्य तक तेजी से पहुंचने में मदद करना है जो कार्यबल के काम पर लौटने और अर्थव्यवस्था के पटरी पर लाने में महत्वपूर्ण होगा।
वित्त मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी बयान में कहा गया है कि बजट से पहले नौ समूहों में शामिल 170 एक्सपर्ट्स, अर्थशास्त्रियों और कारोबारियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 15 वर्चुअल बैठकों में भाग लिया। इन बैठकों में बजट को लेकर कई अहम सुझाव मिले हैं।
सीआईआई ने वित्त मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत अपने एक बजट पूर्व ज्ञापन में कहा है कि देश में एक नहीं अनेक बैड बैंक की जरूरत है। कोविड 19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिए सार्वजनिक पाबंदियों को लागू किए जाने के बाद एनपीए की समस्या बढ़ी है।
सीआईआई ने कहा कि अर्थव्यवस्था को वृद्धि की राह पर लाने की चुनौती के बीच हम सभी अंशधारकों से आग्रह करते हैं कि वे मौजूदा विरोध-प्रदर्शन के बीच कोई रास्ता ढूंढे और आपसी सहमति के समाधान पर पहुंचें।
सीआईआई ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन से आपूर्ति श्रृंखला पहले ही काफी बुरी तरह प्रभावित हुई है। अब आपूर्ति श्रृंखला में सुधार हो रहा था लेकिन किसान आंदोलन की वजह से यह फिर दबाव में आ गई है।
भारत में कोरोना के नए मामले लगातार 22 दिन से 50 हजार के स्तर से नीचे बने हुए हैं। अब तक कोरोना के कुल मामले 94 लाख के स्तर के करीब पहुंच गए। फिलहाल कुल एक्टिव केस की संख्या 4 लाख 54 हजार हो गई है। वहीं 88 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से मुक्त हो चुके हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक सर्वेक्षण में शामिल 50 प्रतिशत कंपनियों ने 2025 तक भारत को दुनिया का प्रमुख विनिर्माण केंद्र या तीन शीर्ष अर्थव्यवस्था में से एक बन जाने वाला माना।
उद्योग का कहना है कि दो-पहिया वाहन आम आदमी की सवारी है, इसको तम्बाकू, सिगार, रिवॉल्वर जैसे अहितकारी उत्पादों और रेसिंग कार, निजी एयरक्राफ्ट, याट जैसी लग्जरी श्रेणी में कैसे रखा जा सकता है, जहां जीएसटी की दर सबसे ऊंची 28 प्रतिशत है।
बैंकों को सलाह दी गई है कि वह प्रतिकूल परिस्थितियों में दबाव सहने की क्षमता का परीक्षण करें और चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए पूंजी जुटाएं।
भारतीय उद्योग परिसंघ के 125वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश को इस समय ऐसे उत्पादों की आवश्यकता है, जो न केवल मेड इन इंडिया हों बल्कि मेड फॉर वर्ल्ड भी हों।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें अब एक ऐसी मजबूत लोकल सप्लाई चेन के निर्माण में निवेश करना है, जो ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की हिस्सेदारी को मजबूत करे।
अब जरूरत है कि देश में ऐसे उत्पाद बनें जो मेड इन इंडिया हों, मेड फॉर दि वर्ल्ड हों। कैसे हम देश का आयात कम से कम करें, इसे लेकर क्या नए लक्ष्य तय किए जा सकते हैं?
पीएम मोदी ने कहा कि ये भी इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है कि वो हर मुश्किल से बाहर निकलने का रास्ता बना ही लेता है।
पीएम मोदी अपना यह संबोधन ऐसे समय पर दे रहे हैं, जब कोरोना वायरस लॉकडाउन के बाद उद्योग जगत धीरे-धीरे दोबारा अपना परिचालन शुरू कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च से लागू था, जो अब एक जून से धीरे-धीरे हटने लगा है।
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपए के वित्तीय पैकेज की घोषणा की है, जो देश के कुल जीडीपी का 10 प्रतिशत है।
सर्वे में शामिल 33% कंपनियों की राय है कि पूरे साल में उनकी आमदनी 40% घट सकती है
CII ने लॉकडाउन में कामकाज को लेकर 180 कंपनियों के बीच सर्वे किया
सबसे खराब स्थिति में देश की अर्थव्यवस्था के आकार में 0.9 % की गिरावट का अनुमान
बिजली वितरण कंपनियों के ऊपर फरवरी 2020 तक बिजली उत्पादन कंपनियों का 92,602 करोड़ रुपये बकाया
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