भगवंत मान ने कहा, ‘‘हम किसानों को अपने खेतों से रेत निकालने की अनुमति दे रहे हैं। अगर आप रेत बेचना चाहते हैं या अपने लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं।’’
समिति ने सरकार और राज्य सरकारों से धन जारी करने में देरी और नुकसान के लिए अपर्याप्त मुआवजे जैसे मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए कहा है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने कोरोनावायरस (कोविड-19) के बढ़ते प्रकोप मद्देनजर किसानों को अनजान श्रमिकों से काम नहीं लेने की सलाह दी है।
देश के विभिन्न इलाकों खासतौर से उत्तर भारत में हो रही बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और चना जैसी रबी फसलों को नुकसान हो सकता है।
कम बारिश के चलते खरीफ मौसम की सभी फसलों की बुवाई में गिरावट आयी है। कृषि मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक खरीफ के मौसम में धान का रकबा 223.5 लाख हेक्टेयर और दलहन का रकबा 105.14 लाख हेक्टेयर रहा है।
देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई चालू सीजन में पिछले साल से तकरीबन 9 फीसदी पिछड़ी हुई है।
चालू वित्त वर्ष में खरीफ सत्र के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि पिछले साल से अधिक है, लेकिन इसके बावजूद यह काफी कम है।
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