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किसानों का संकट बढ़ा: बेमौसम बारिश-ओलवृष्टि से गेहूं, सरसों, चना की फसल को भारी नुकसान, पैदावार पर पड़ेगा सीधा असर

देश के विभिन्न इलाकों खासतौर से उत्तर भारत में हो रही बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और चना जैसी रबी फसलों को नुकसान हो सकता है। 

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Published on: March 07, 2020 7:18 IST
Rain Damaged Crops- India TV Paisa

Rain Damaged Crops

नई दिल्ली/हरियाणा। देश के विभिन्न इलाकों खासतौर से उत्तर भारत में हो रही बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और चना जैसी रबी फसलों को नुकसान हो सकता है। दक्षिण हरियाणा में गुरुवार को हुई ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। मौसम के बदले मिजाज के चलते भारी बारिश तथा ओलावृष्टि से मुख्यत: सरसों, गेहूं और सब्जी उगाने वाले किसानों की दिक्कत काफी बढ़ गई है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत आने वाले भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (आईआईडब्ल्यूबीआर), करनाल के निदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बेमौसम बरसात और तेज हवा चलने से गेहूं की खड़ी फसल गिर जाएगी जिससे फसल की पैदावार पर असर पड़ेगा। 

rain, Farmer

After rain every Farmer weeping

उन्होंने बताया कि अब तक सिर्फ हरियाणा से गेहूं की फसल को नुकसान की रिपोर्ट मिल रही है, लेकिन फसल परिपक्व हो चुकी है इसलिए जहां कहीं भी इस समय ओलावृष्टि होगी या तेज हवा के कारण खड़ी फसल खेतों में गिर जाएगी वहां नुकसान जरूर होगा। सूत्रों ने बताया कि बारिश के साथ तेज हवा के कारण गेहूं, सरसों की फसल पसर गई हैं। मौसम का बदला मिजाज किसानों के लिए आफत बन गया है।

crops damaged, Rain

crops damaged 

हरियाणा सरकार में संयुक्त निदेशक जगराज दांडी ने बताया कि गेहूं से ज्यादा सरसों की फसल को नुकसान है। उन्होंने बताया कि महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, रोहतक समेत कई जिलों में गेहूं और सरसों की फसल खराब होने की रिपोर्ट मिल रही है। फसल को कितना नुकसान हुआ है, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में फिलहाल कोई आंकड़ा नहीं बताया जा सकता है। इस संबंध में जब गिरदावरी होगी और उसकी रिपोर्ट आएगी तभी पता चल पाएगा।

हरियाणा के पांडू पिंडारा कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. यशपाल मलिक ने बताया कि जिन इलाकों का भूमिगत जल स्तर ऊपर है उन क्षेत्रों में फसलों पर बारिश का असर ज्यादा होगा। अगले कुछ दिन मौसम के तेवर ऐसे ही बने रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि जलभराव वाले क्षेत्रों यानी ऐसे खेतों से पानी की निकासी कराने की आवश्यकता है। 

rain damaged crops

rain damaged crops

उधर, किसान संगठनों ने हरियाणा सरकार से प्रदेश में ओलावृष्टि और बरसात से फसल को हुए नुकसान की गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा देने की मांग की है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक चना और सरसों को गेहूं से ज्यादा नुकसान हुआ है। एक अन्य कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि इस समय चना और सरसों की फसल पूरी तरह पककर तैयार है, बल्कि मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में चने की फसल तैयार होकर बाजार में आने लगी है। उन्होंने कहा कि सरसों की फसल को तो बेमौसम बरसात से भारी नुकसान होगा, वहीं चना की फसल पर भी असर पड़ेगा।

पश्चिमी विक्षोभ से उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में बेमौसम बरसारत और ओलावृष्टि हुर्ह है। स्काइमेट के अनुसार, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बर्फबारी हुई। उत्तराखंड और लद्दाख में भी कुछ स्थानों पर वर्षा और हिमपात दर्ज किया गया है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि के साथ-साथ तेज वर्षा हुई है।

Rain Without season

Rain Without season

ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी मध्यम बारिश और बादलों की गर्जना के साथ ओलावृष्टि देखने को मिलीं। छत्तीसगढ़ और बिहार में भी कुछ स्थानों पर वर्षा हुई है। ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि गेहूं ओलावृष्टि और तेज हवा के कारण गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है, हालांकि फिलहाल ज्यादा नुकसान की रिपोर्ट नहीं है और उनको अभी भी उम्मीद है कि इस देश में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन होगा।

hailstorm destroyed wheat and maize crops

hailstorm destroyed wheat and maize crops

बता दें कि पिछले महीने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी फसल वर्ष 2019-20 के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, देश में गेहूं का रिकॉर्ड 10.62 करोड़ टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। वहीं, चना का उत्पादन 112.2 लाख टन और सरसों का 91.10 लाख टन होने का अनुमान है। 

बारिश तथा ओलावृष्टि के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है। फसलें पकाव की तरफ हैं, यहां तक की मध्य मार्च के बाद सरसों की कटाई शुरु हो जाती है। अंतिम सप्ताह में एक्का दुक्का स्थानों पर गेहूं की कटाई शुरु हो जाती। ऐसे हालात में भारी बारिश तथा ओलावृष्टि से फसल उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। (इनपुट:आईएएनएस/पीटीआई)

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