हर मां-बाप का सपना होता है कि उसका बच्चा उच्च शिक्षा प्राप्त करे, लेकिन महंगें एजुकेशन लोन के इस दौर मे भारी-भरकम फीस की व्यवस्था कर पाना सभीआसान नहीं।
हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी कर्ज लेने की आवश्यकता पड़ती है। जरूरत के हिसाब से कर्ज छोटा या बड़ा हो सकता है।
शिक्षा क्षेत्र वित्त वर्ष 2016-17 में बढ़कर 7.8 लाख करोड़ रुपए हो जाने की संभावना है, मांग आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए इसमें वृद्धि की व्यापक संभावना है।
आयकर अधिनियम की धारा 80-ई के तहत बच्चों की एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज की राशि की आय में से इनकम टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
किसी व्यक्ति को लोन दिलवान की प्रक्रिया में अगर आप गारंटर बन रहे हैं तो अपने दायित्व से भलिभांति परिचित हो लें।
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