घर की जबरदस्त मांग ने अटके प्रोजेक्ट बनाने का रास्ता खोला दिया है। इसका फायदा सालों से इंतजा कर रहे होम बायर्स को मिला है।
एक्सप्रेसवे/हाइवे के पास प्रॉपर्टी खरीदना फायदे और नुकसान दोनों का सौदा हो सकता है। इसलिए कुछ बातों का जरूर ख्याल रखें।
डीएलएफ समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अशोक त्यागी ने शनिवार को कहा था कि इस विशिष्ट पेशकश के लिए काफी मजबूत मांग देखने को मिल रही है। मार्केट कैप के लिहाज से डीएलएफ देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी है।
नए साल शुरू होने के साथ प्रॉपर्टी बाजार में हलचल तेज हो गई है। इस बार बजट में भी रियल एस्टेट को लेकर कई बड़े ऐलान होने की उम्मीद है।
आम आदमी के लिए घर का सपना पूरा करना मुश्किल होते जा रहा है। दरअसल, प्रॉपर्टी कीमत कमाई के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से बढ़ रही है।
हालांकि, शर्तों का उल्लंघन करने पर बिल्डरों को लाभ नहीं मिल सकेगा। इस बोर्ड बैठक में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ एनजी रवि कुमार समेत तीनों प्राधिकरण और बोर्ड के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है।
माना जा रहा है कि बिल्डर अब अधिक मुनाफा कमाने के लिए लक्जरी आवासीय परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सस्ते मकानों में मुनाफे का मार्जिन भी कम रहता है। 1.5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले लक्जरी घरों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। वास्तव में पिछले पांच साल में यह तीन गुना हो गई है।
एमराल्ड कोर्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को 10 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा है। एमराल्ड कोर्ट में बने 2 टावरों की वैधता पर 23 नवंबर को सुनवाई होगी।
केंद्र सरकार ने रियल एस्टेट एक्ट के नियम जारी कर दिए है। नियम नोटिफाई होने के बाद अब बिल्डरों की मनमानी और धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी और समय पर मिलेंगे मकान।
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