Sunday, December 07, 2025
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बिहार चुनाव: महुआ के लिए लड़ रहे चिराग और कुशवाहा, अब जदयू ने भी ठोकी दावेदारी, जानिए क्यों खास है ये सीट?

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान छह नवंबर को है और उम्मीदवारों का नामांकन भी जारी है। दोनों गठबंधनों में सीटों को लेकर रार जारी है। इसमें महुआ सीट को लेकर उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान के बीच विवाद हो गया है। जानें क्यों खास है महुआ सीट?

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published : Oct 15, 2025 02:16 pm IST, Updated : Oct 15, 2025 02:31 pm IST
महुआ सीट पर बढ़ी तकरार- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO महुआ सीट पर बढ़ी तकरार

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जहां एक तरफ जिन उम्मीदवारों को टिकट मिल गया है, वे नामांकन दाखिल करने में लगे हैं तो वहीं, सीटों के तालमेल को लेकर एनडीए में सियासी भूचाल आ गया है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी मांग को लेकर खलबली मचा दी है, जिसकी आंच पटना से दिल्ली तक पहुंच गई है। कहा जा रहा है कि वह एनडीए में सीट शेयरिंग से नाराज हैं। उन्हें रात भर मनाने के लिए पटना में कई भाजपा नेता लगे रहे लेकिन वे नहीं माने। आखिर उपेंद्र कुशवाहा नाराज क्यों हैं? आखिर वो कौन सी सीट है, जिस पर पेच फंस गया है। 

क्यों नाराज हैं उपेंद्र कुशवाहा

उपेंद्र कुशवाहा का असल झगड़ा चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) से है और वो भी महुआ सीट को लेकर है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा यानी उपेंद्र कुशवाहा और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान की पार्टी के बीच महुआ विधानसभा सीट को लेकर झगड़ा चल रहा है। एनडीए के सीट शेयरिंग में महुआ सीट चिराग पासवान के खाते में गई है, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को यह मंजूर नहीं है और अब जानकारी मिल रही है कि जदयू ने भी इस सीट पर दावेदारी ठोक दिया है। 

चिराग के बाद अब जदयू भी कूदी जंग में

अब चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जदयू तीनों इस सीट पर अपना दावा ठोक रहे हैं। इसे लेकर भाजपा का सिरदर्द बढ़ता जा रहा है और इस समस्या को सुलझाने में दिल्ली से पटना तक हलचल चल रही है। एक तरफ उपेंद्र कुशवाहा को मनाने की लगातार कोशिश हो रही है, तो वहीं चिराग भी इस सीट को छोड़ने के मूड में नहीं हैं और अब जदयू भी इस जंग में कूद पड़ी है।

महुआ सीट पर चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब जदयू की भी दावेदारी, पिछली बार आसमा परवीन जदयू की उम्मीदवार थीं। आसमा परवीन के समर्थक पहुंचे मुख्यमंत्री आवास और धरने पर बैठे। पुलिस जेडीयू कार्यकर्ताओं को हटा रही है। जेडीयू के कार्यकर्ता कह रहे हैं कि यह न चिराग की सीट है ना कुशवाहा की यह जदयू की सीट है। पिछली बार राजद के मुकेश रोशन ने 12000 वोटों से आसमा प्रवीण को हराया था।

चिराग पासवान को भी कहा गया-होल्ड करें

उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को अपने कैंडिडेट को नामांकन से रोक दिया था और साफ-साफ कह दिया था कि वह महुआ सीट नहीं छोड़ेंगे। सूत्रों का कहना है कि महुआ सीट से उपेंद्र कुशवाहा अपने बेटे को लड़ाना चाहते हैं। वो अपनी जिद पर अड़े हैं, आज दिल्ली पहुंचे और अमित शाह से मुलाकात की।

उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी की वजह से चिराग पासवान को अभी महुआ सीट पर नॉमिनेशन को होल्ड पर रखने को कहा गया है। यही कारण है कि अभी तक चिराग पासवान ने इस सीट पर अपने कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है। हालांकि चिराग ने बहुत मुश्किल हालात में यह सीट हासिल की है।

आखिर महुआ सीट क्यों इतनी अहम?

महुआ सीट वैशाली जिले में आती है और यह हाईप्रोफाइल सीट है। यह सीट यादव, मुस्लिम और कुशवाहा बहुल सीट रही है। महुआ विधानसभा सीट पर यादव और मुस्लिम की आबादी करीब 35 फीसदी है। मुस्लिम और यादव राजद और लालू परिवार के लिए कोर वोटर माने जाते रहे हैं, इस सीट पर लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी ताल ठोक रहे हैं। 2015 में तेज प्रताप यादव इसी सीट से चुनाव जीत चुके हैं।

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