Thursday, May 02, 2024
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Independence Day 2023: 77वें स्वतंत्रता दिवस पर ऐसे करें अपनी स्पीच तैयार, लग जाएगी तालियों की झड़ी

देश इस 15 अगस्त को अपनी आजादी का 77 वर्षगांठ मना रहा है। इस दौरान स्कूल, कॉलेज व सरकारी ऑफिस में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अगर आप भी इस कार्यक्रम में अपनी स्पीच देने वाले हैं तो यहां जानें कैसे तैयार करना है भाषण।

Shailendra Tiwari Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: August 11, 2023 17:02 IST
77वें स्वतंत्रता दिवस...- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK 77वें स्वतंत्रता दिवस पर तैयार करें अपनी स्पीच

इस साल भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है यानी हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुए 77 साल हो चुके हैं। इस आजादी के लिए हमारे न जानें कितने स्वतंत्रता सेनानियों ने खून बहाए हैं। जिसका अंदाजा भी लगाना किसी के बस की बात नहीं है। बता दें कि स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली से लेकर कन्याकुमारी तक तिरंगा लहराया जाएगा। इस मौके पर स्कूल कॉलेजों, सरकारी, गैर-सरकारी कार्यालयों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अगर आप भी इन कार्यक्रमों में भाग लेने वाले हैं और स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देने वाले हैं तो स्पीच ऐसी दें कि वहां बैठे हर एक शख्स आपसे कनेक्ट हो जाए। कहने का मतलब है कि स्पीच को ऐसे तैयार करें कि हर कोई हाथ उठाकर तालियां बजाए। अगर आप को समझ नहीं आ रहा तो यहां हम आपको कुछ तरीके सुझा रहे हैं जिससे आप अपनी स्पीच तैयार कर सकते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के लिए भाषण तैयार करते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए

  • जब आप स्वतंत्रता दिवस भाषण की तैयारी कर रहे हों तो आपको अपने भाषण में कुछ प्रमुख बातें और उन महत्वपूर्ण घटनाओं और आंदोलनों को रखना होगा जिन्होंने हमारी आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • साथ ही ये भी शामिल करें कि हम स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही क्यों मनाते हैं, इस आजादी को हासिल करने में इतना समय हमें आखिर क्यों लगा।
  • जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमें 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी मिली थी, लेकिन 'यह आजादी कैसे मिली, पहला विद्रोह कब शुरू हुआ' जैसे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं के बलिदानों का वर्णन किए बिना यह भाषण अधूरा रहेगा।
  • स्वतंत्रता दिवस के भाषण में महत्वपूर्ण विद्रोह, सत्याग्रह आंदोलन, खिलाफत आंदोलन, दांडी मार्च, भारत छोड़ो आंदोलन, चंपारण आंदोलन और असहयोग आंदोलन जरूर शामिल होना चाहिए।
  • इसके अतिरिक्त इसमें जलियांवाला बाग के नरसंहार, साइमन कमीशन के गठन के बाद हुई हताहतों की संख्या और विश्व युद्ध में भारतीयों की सामूहिक हत्या का भी जिक्र होना चाहिए।
  • इसमें विभिन्न समितियों का गठन और लाभ-हानि का भुगतान भी शामिल होना चाहिए।
  • भाषण में कुछ ब्रिटिश गवर्नर जनरलों और वायसरायों द्वारा भारत के विकास के लिए उठाए गए कल्याणकारी योजनाओं और कदमों को भी शामिल किया जाना चाहिए।

जब आप अपनी स्पीच खत्म कर रहे हों तो आप आजादी से पहले हुए चुनावों, रियासतों और क्षेत्रों के गठन, दो राष्ट्रों के गठन, आजादी के बाद भारत के संविधान और शासन के लिए गठित समिति और आजादी के बाद के कुछ गौरवशाली वर्षों और देश के विकास का भी जिक्र कर सकते हैं।

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