Thursday, April 24, 2025
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बल्ली मारां से दरीबे तलक, तेरी मेरी कहानी दिल्ली में... क्या है 'कजरा रे' की इस लाइन का मतलब?

अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी स्टारर 'बंटी और बबली' 2005 में रिलीज हुई थी और बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई थी। लेकिन, इस फिल्म से ज्यादा इसके एक गाने की चर्चा हुई थी। ये गाना है 'कजरा रे कजरा रे' जो अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय पर फिल्माया गया था।

Written By: Priya Shukla
Published : Mar 04, 2025 21:39 IST, Updated : Mar 04, 2025 21:39 IST
Aishwarya Rai
Image Source : INSTAGRAM 2005 में रिलीज हुई 'बंटी और बबली' का हिट गाना।

गुलजार हिंदी सिनेमा का वो नाम हैं, जिनके लिखे गीतों ने लोगों के लिए दुआ और दवा दोनों का काम किया। गुलजार ने ‘तेरे बिना जिंदगी से कोई’, ‘आने वाला पल’, ‘मुसाफिर हूं यारों’, ‘थोड़ा है थोड़े की जरूरत है’, ‘तुझसे नाराज नहीं जिंदगी’, ‘मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है’, ‘मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने’ जैसे कई गाने लिखे हैं, जो आज भी लोगों का दिल गुलजार कर रहे हैं। 2005 में रिलीज हुई 'बंटी और बबली' के एक गाने में अमिताभ बच्चन ने अपने बेटे अभिषेक बच्चन और बहू ऐश्वर्या राय संग खूब ठुमके लगाए थे और इसने हर तरफ बवाल काट दिया था। आज भी इस गाने को लोग बहुत ही चांव के साथ सुनते हैं और झूमते-नाचते हैं। पिछले दिनों रणबीर कपूर भी इस गाने पर अपनी बुआ रीमा जैन के साथ भाई की शादी में नाचते दिखे थे।

बंटी और बबली का सबसे चर्चित गाना

हम बात कर रहे हैं सुपरहिट गाने 'कजरा रे' की। ये गीत 2005 में रिलीज हुई बंटी और बबली का है। ये फिल्म 20 साल पहले आई थी, लेकिन इसका ये गाना सदाबहार बन गया। गीत के बोल लिखे थे गीतकार गुलजार साहब ने और इसे शंकर एहसान लॉय की तिकड़ी ने अपने संगीत से सजाया था। ऐश्वर्या राय, अभिषेक बच्चन और अमिताभ बच्चन पर फिल्माए गीत को जब सुनो तब नया सा लगता है। इस गीत में कुछ बोल हैं, जो सुनने में तो खूब मीठे लगते हैं लेकिन उनका मतलब कम लोगों को पता होगा।

कजरा रे के बोल, जिसका मतलब ज्यादातर लोग नहीं जानते

कजरा रे कजरा रे में एक लाइन है, 'बल्ली मारां से दरीबे तलक, तेरी मेरी कहानी दिल्ली में', जिसका मतलब कम ही लोग जानते होंगे। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर कजरा रे में इस्तेमाल इन बोलों का क्या मतलब है।

ये है मतलब

'कजरा रे' में गुलजार ने पुरानी दिल्ली की गलियों का जिक्र किया है। दिल्ली अपने खाने के स्वाद के साथ-साथ कुछ खूबसूरत प्रेम कहानियों के लिए भी जानी जाती है। 'बल्ली मारां से दरीबे तलक...' दिल्ली की वो 6 गलियां हैं, जिसे लेकर कहा जाता है कि यहां छोटी से छोटी खबर भी तेजी से फैल जाती हैं। इसे कुछ शब्दों में पिरोने के लिए गुलजार ने बल्ली मारां से दरीबे तलक का इस्तेमाल किया है।

गुलजार साहब का दिल्ली प्रेम

गुलजार का दिल्ली को लेकर प्यार किसी से छिपा नहीं है। इस गाने में भी गुलजार साहब का दिल्ली को लेकर प्यार नजर आता है। बल्ली मारां इलाके के गली कासिम में मिर्जा गालिब का जन्म हुआ था। दरीबे कलां भी पुरानी दिल्ली का एक चर्चित इलाका है और गाने में गुलजार ने यूं ही दिल्ली के इन दो इलाकों का जिक्र नहीं किया। उन्होंने गाने के पोल से दिल्ली के एक छोर से दूसरे छोर को मिलाने का काम किया है। आसान भाषा में कहा जाए तो जैसे कोई चीज पूरे देश में फेमस है, तो इसके लिए जैसे कश्मीर से कन्याकुमारी तक का इस्तेमाल किया जाता है। उसी तरह अगर कोई चीज दिल्ली में फेमस है तो उसके लिए बल्ली मारां से दरीबे तलक का इस्तेमाल 'कजरा रे' के बोल में किया गया है।

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