Friday, March 29, 2024
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जानिए कैसी है अक्षय खन्ना, गौतम रोडे और विवेक दहिया की फिल्म State of Siege: Temple Attack

अक्षय खन्ना, गौतम रोडे और विवेक दहिया जैसे सितारों से सजी फिल्म State of Siege: Temple Attack 9 जुलाई को रिलीज हो रही है, आइए जानते हैं कैसी है फिल्म...

Jyoti Jaiswal Jyoti Jaiswal
Updated on: July 09, 2021 0:14 IST
State of Siege: Temple Attack
Photo: ZEE5

State of Siege: Temple Attack

  • फिल्म रिव्यू: State of Siege: Temple Attack
  • स्टार रेटिंग: 3 / 5
  • पर्दे पर: 9 जुलाई 2021
  • डायरेक्टर: केन घोष
  • शैली: एक्शन

State of Siege: Temple Attack Movie review: अक्षय खन्ना, गौतम रोडे और विवेक दहिया जैसे सितारों से सजी फिल्म 'स्टेट ऑफ सीज: टेंपल अटैक' गुजरात के अक्षरधाम मंदिर में हुए आतंकवादी हमले पर आधारित है। इस फिल्म का निर्देशक केन घोष ने किया है और ये एक एक्शन फिल्म है। इससे पहले केन घोष ने  'स्टेट ऑफ सीज: 26/11' नाम की वेब सीरीज बनाई थी जो खूब पसंद की गई थी, इस बार उन्होंने फिल्म बनाई है। ये फिल्म 9 जुलाई को जी5 पर स्ट्रीम हो रही है।  ये एक्शन फिल्म कैसी है और क्या केन घोष लोगों का ध्यान आकर्षित करने में सफल होंगे आइए जानते हैं।

इस फिल्म की कहानी गुजरात के कृष्णधाम मंदिर से शुरू होती है, जहां कई परिवार अलग-अलग शुभ वजहों से दर्शन करने आते हैं, तो कुछ वहीं काम करते हैं, अचानक आतंकवादियों का हमला हो जाता है, लोग कैसे इस हमले से बचते हैं, क्या क्या परेशानियां लोगों को होती हैं, कितने लोग इसमें अपनी जान गंवाते हैं, और एनएसजी कैसे इसमें एंगेज होकर लोगों को बचाने की कोशिश करती है, कैसे लोग मजबूर हो जाते हैं देशद्रोह के लिए, इन तमाम पहलुओं को ये फिल्म बखूबी दिखाती है। 

फिल्म में एक्शन है, इमोशन है, दर्द है और देशभक्ति की भावना भी है। ये फिल्म आपको हैरान करती है, चौंकाती है और जो आप सोचते हैं उसका उल्टा ही होता है। अचानक से होने वाले एक्शन सीन आपको हैरान कर देंगे।

अभिनय की बात करें तो अक्षय खन्ना ने हर बार की तरह इस बार भी अपने अभिनय की छाप छोड़ी है, वहीं गौतम रोडे अपने छोटे से रोल में जमे हैं , उनका किरदार मेजर समर का है जिसे और भी अच्छे तरीके से दिखाया जा सकता था क्योंकि उनकी वाइफ मां बनने वाली होती है और उन्हें उसे छोड़कर मिशन पर जाना होता है, मगर ऐसा लगा कि उनके सीन को थोड़ा और बड़ा करके और भी इमोशनल एंगल दिया जा सकता था। विवेक दहिया का काम भी सराहनीय है एक सीन में वो उस महिला को देखते हैं जिसके पति, मां और पिता हमले में मारे जाते हैं, उस समय एक नए एनएसजी कमांडो के चेहरे पर जो मायूसी का भाव रहता है वो विवेक ने इतने अच्छे से दिया कि वो याद रह जाता है। केन घोष ने निर्देशन में पर कमांड बरकरार रखी और हमें एक अच्छी फिल्म सौंपी है।

इंडिया टीवी इस फिल्म को देता है 5 में से 3 स्टार।

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