Sunday, April 28, 2024
Advertisement

जामा मस्जिद पर रोजे़ की रौनक, इफ्तार के लिए कोने-कोने से आते हैं लोग

दिल्ली की शाही जामा मस्जिद में रमज़ान और रोजे़ की रौनक का अंदाज सबसे अनूठा है। यहां इफ्तार की चहल-पहल देखने लायक होती है जहां रोजेदारों के साथ ही अन्य धर्मों के लोग राष्ट्रीय राजधानी के दूर-दराज के इलाकों से अपने परिवार संग यहां इफ्तार करने के लिए

Bhasha Bhasha
Updated on: June 18, 2017 16:46 IST
iftar- India TV Hindi
iftar

नई दिल्ली: दिल्ली की शाही जामा मस्जिद में रमज़ान और रोजे़ की रौनक का अंदाज सबसे अनूठा है। यहां इफ्तार की चहल-पहल देखने लायक होती है जहां रोजेदारों के साथ ही अन्य धर्मों के लोग राष्ट्रीय राजधानी के दूर-दराज के इलाकों से अपने परिवार संग यहां इफ्तार करने के लिए आते हैं। वहीं मस्जिद में लोगों को इफ्तार कराने वालों की भी कमी नहीं है।

इफ्तार के वक्त कोई पानी या जूस रोजेदारों को देता है तो कोई समोसा, खजूर या पकौड़े। कोई तो लोगों के लिए पूरे इफ्तार का इंतजाम करता है। जामा मस्जिद में इफ्तार की यह रौनक हर साल पहले रोज़े से लेकर रमजान महीने के आखिरी दिन तक बदस्तूर जारी रहती है।

दिल्ली के दिलशाद गार्डन से 10 लोगों के पूरे परिवार के साथ जामा मस्जिद में इफ्तार करने के लिए आए अफजाल ने बताया कि उनका परिवार हर साल रमजान में एक बार जामा मस्जिद में इफ्तार करने के लिए जरूर आता है। वह अपने साथ इफ्तारी का पूरा सामान लेकर आते हैं और यहीं पर फलों की चाट बनाते हैं। वे इफ्तारी को यहां आए लोगों को भी देते हैं।

17वीं शताब्दी की इस ऐतिहासिक मस्जिद की क्षमता करीब पच्चीस हजार की है और इफ्तार के वक्त में यहां पैर रखने की भी जगह नहीं होती है। यहां रोज़ा खोलने की मंशा रखने वाले लोग चार-पांच बजे से ही मस्जिद पहुंचना शुरू हो जाते हैं ताकि उन्हें यहां जगह मिलने में दिक्कत न हो। दिल्ली के सीमापुरी, नांगलौई, ओखला, तुगलकाबाद, महरौली यहां तक की नोएडा, गाजियाबाद तक से लोग जामा मस्जिद इफ्तार करने पहुंचते हैं।

पेशे से करोबारी हाफिज सुल्तान पिछले कई सालों से जामा मस्जिद पर आने वालों लोगों को अपनी ओर से रोजाना इफ्तार कराते हैं। उनका कहना है कि वह अपना दस्तरखान लगाते हैं जिसमें रोजाना करीब 300-400 लोग इफ्तार करते हैं। वह दस्तरखान पर प्लेटें लगा देते हैं और लोगों को इस पर बैठाते हैं। प्लेट में एक सेब, केला, खजूर, समोसा या पकौड़े और शरबत होता है।

मस्जिद में पानी और जूस की बोतलें बांटने आए नवेद ने बताया कि वह रमजान में कई बार यहां इफ्तार के वक्त लोगों को पानी और जूस देने के लिए आते हैं। करीब सौ-सवा लोगों को वह पानी और जूस देते हैं। उन्होंने बताया कि मस्जिद में अलग -अलग लोग इफ्तार देते हैं जहां पर कोई भी व्यक्ति जाकर बैठ सकता है और इफ्तार कर सकता है। ऐसा नहीं है कि लोग खुद ही जामा मस्जिद पर रोजा खोलने और खुलवाने के लिए आते हैं। यहां लोग इफ्तार दावतों का भी इंतजाम करते हैं।

पेशे से वकील युसूफ नकी ने अपने मुस्लिम और गैर मुस्लिम दोस्तों के लिए गुरूवार को इफ्तार दावत का आयोजन किया था। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने दोस्तों और परिचितों को इफ्तार देना था। उन्होंने सोचा क्यूं न जामा मस्जिद इफ्तार दिया जाए। यहां का इफ्तार बहुत अच्छा होता है। उनके मुस्लिम और गैर मुस्लिम दोस्त यहां के इफ्तार का लुफ्त उठा सकते हैं।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement