Saturday, April 20, 2024
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‘एक को छोड़कर सभी पड़ोसियों का क्षेत्रीय सहयोग में बेहतरीन इतिहास रहा है’

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि एक को छोड़कर सभी पड़ोसी देशों का क्षेत्रीय सहयोग के मामले में बेहतरीन इतिहास रहा है। जयशंकर ने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगा कि एक को छोड़कर सभी पड़ोसियों का क्षेत्रीय सहयोग के मामले में बेहतरीन इतिहास रहा है।’’

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: October 05, 2019 8:43 IST
‘एक को छोड़कर सभी पड़ोसियों का क्षेत्रीय सहयोग में बेहतरीन इतिहास रहा है’- India TV Hindi
‘एक को छोड़कर सभी पड़ोसियों का क्षेत्रीय सहयोग में बेहतरीन इतिहास रहा है’

नयी दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि एक को छोड़कर सभी पड़ोसी देशों का क्षेत्रीय सहयोग के मामले में बेहतरीन इतिहास रहा है। जयशंकर ने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा, ‘‘मैं कहना चाहूंगा कि एक को छोड़कर सभी पड़ोसियों का क्षेत्रीय सहयोग के मामले में बेहतरीन इतिहास रहा है।’’ उन्होंने यहां भारत आर्थिक मंच के सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि अमेरिका के साथ बैठक में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किये जाने का मुद्दा सामने नहीं आया। 

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विश्व आर्थिक मंच के अध्यक्ष बोरगे ब्रेंडे के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति बदलने पर कई लोगों के लिए यह स्वाभाविक बात है।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘शायद ही किसी को यह एहसास था कि यह (अनुच्छेद 370) संविधान में एक अस्थायी व्यवस्था थी और इसके कारण जम्मू कश्मीर राज्य में कई राष्ट्रीय कानून लागू नहीं होते थे। ये सब उनके लिए नई बातें थीं।’’ 

अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत की कोशिशों पर चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा, ‘‘एक को छोड़कर सभी पड़ोसी देशों का क्षेत्रीय सहयोग के मामले में बेहतरीन इतिहास रहा है।’’ जब उनसे पूछा गया कि उस एक के साथ क्या गतिरोध बना रहेगा तो उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि एक दिन वह क्षेत्रीय सहयोग में शामिल होगा। 

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘आप एक पल के लिए कश्मीर को अलग रख दें। आज, हर किसी के साथ, व्यापार, व्यवसाय और संपर्क बढ़ रहे हैं। निश्चित रूप से, किसी न किसी स्तर पर, इसका प्रभाव पड़ेगा क्योंकि आप हर किसी को उस सहयोग से समृद्ध होते देखेंगे।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं हमेशा आशान्वित रहता हूं। मैं जानता हूं कि हमारे समक्ष बड़ी चुनौतियां है। उनके (पाकिस्तान) साथ समझ की समस्या है जिससे उन्हें बाहर निकलना होगा।’’ 

दो दिवसीय भारत आर्थिक सम्मेलन का शुक्रवार को समापन हुआ। इस सम्मेलन का आयोजन विश्व आर्थिक मंच ने भारतीय उद्योग परिसंघ के सहयोग से किया था। जयशंकर ने कहा कि भारत के मामले में राष्ट्रवाद एक नकारात्मक भावना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक अपवाद है क्योंकि हम अधिक राष्ट्रवादी हैं, किंतु साथ ही हम राष्ट्रीयवादी और अंतरराष्ट्रीय होने के बीच इस दृष्टि से कोई तनाव नहीं देखते है कि विश्व के साथ अधिक संपर्क बढ़ाया जाये। लिहाजा राष्ट्रीयता हमारे के लिए कोई नकारात्मक भावना नहीं है।’’ 

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह इतना आसान नहीं है क्योंकि यह काफी जटिल मामला है इसलिए यदि इसमें समय लग रहा है तो ठीक है। दक्षिण एशिया सहयोग के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘भारतीय उपमहाद्वीप में क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग सबसे कम है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते है कि इस दिशा में प्रगति हो और उन्हें लगता है कि हमें इस बारे में कुछ करने की जरूरत है। भारत इसके लिए माहौल बना रहा है। आपने देखा होगा जब राजनीतिक रूप से उन्होंने 2014 में अपने शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों को आमंत्रित किया था।’’

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