
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक लिबरेशन पार्टी के चेयरमैन हाशिम कुरैशी ने गिलगित-बालतिस्तान को अधिक प्रसाशनिक और वित्तीय स्वायत्ता देने के पाकिस्तान सरकार के आदेश को अवैध और धमकाने वाला करार दिया है। एक बयान में कुरैशी ने कहा, ऐसा लगता है कि एक ब्रिटिश वायसराय गिलगित-बालतिस्तान में शासन कर रहा है और अपने उपनिवेश की तरह व्यवहार कर रहा है। कुरैशी ने गिलगित बालतिस्तान को जम्मू-कश्मीर का अभिन्न अंग बताया और कहा कि पाकिस्तान इसके भू-परिदृश्य को नहीं बदल सकता।
कुरैशी ने कहा, 'ऑर्डर नंबर 2018 पाकिस्तान के नागरिकों के लिए यह रास्ता खोलेगा कि वे गिलगित-बालतिस्तान में संपत्ति खरीद सकें और रोजगार हासिल कर सकें। यह स्थानीय आबादी के लिए विनाशकारी साबित होगा।'
कुरैशी ने अलगाववादी नेताओं और मुख्यधारा के दलों यह से अपील की है वे इसे गंभीरता से लें। उन्होंने यह भी अपील की है कि गिलगित-बलतिस्तान का स्टेट सब्जेक्ट स्टैट्स बहाल किया जाना चाहिए और बाबा जान समेत सभी राजनीतिक कैदियों को जेल से रिहा किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि पाकिस्तान कैबिनेट ने 21 मई को गिलगिट बालतिस्तान ऑर्डर 2018 को मंजूरी दी है। इसे क्षेत्रिय विधानसभा द्वारा भी समर्थन दिया गया। यह आदेश इस क्षेत्र को और अधिक प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता देता है। लेकिन सरकार के इस कदम को क्षेत्र को पांचवें प्रांत के रूप में शामिल करने की दिशा में इस्लामाबाद के प्रयासों के तौर पर देखा जाता है।