Friday, April 26, 2024
Advertisement

असम एनआरसी डेटा मामला: पूर्व अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज

असम में विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का अद्यतन डेटा उसकी वेबसाइट 'nrcassam.nic.in' से अचानक हट जाने के मामले में एनआरसी की एक पूर्व अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: February 13, 2020 16:48 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर- India TV Hindi
प्रतीकात्मक तस्वीर

गुवाहाटी: असम में विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का अद्यतन डेटा उसकी वेबसाइट 'nrcassam.nic.in' से अचानक हट जाने के मामले में एनआरसी की एक पूर्व अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह प्राथमिकी नौकरी छोड़ने से पहले उनके द्वारा कथित तौर पर संवेदनशील दस्तावेजों का पासवर्ड ना देने के लिए दर्ज की गई है। 

एनआरसी के राज्य संयोजक हितेश देव शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को गुरुवार को बताया कि शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत एनआरसी की पूर्व प्रोजेक्ट अधिकारी के खिलाफ पलटन बाजार थाने में दर्ज की गई है क्योंकि उन्होंने ‘‘ कई बार लिखित में स्मरण पत्र भेजे जाने के बावजूद दस्तावेजों का पासवर्ड नहीं दिया था’’। उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले साल 11 नवम्बर को इस्तीफा देने के बाद भी उन्होंने पासवर्ड नहीं दिया। वह अनुबंध पर थी और अब नौकरी छोड़ने के बाद उनके पास पासवर्ड रखने का अधिकार नहीं था। शासकीय गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने के मामले में एनआरसी प्रोजेक्ट अधिकारी के खिलाफ बुधवार को प्राथमिकी दर्ज की गई।’’ 

शर्मा ने यह भी कहा कि एनआरसी कार्यालय ने कई बार उन्हें पासवर्ड देने के लिए लिखा लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें पता था कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, इसलिए पासवर्ड के लिए उन्हें कई बार पत्र लिखा लेकिन इतने महीने में उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसलिए कल हमने उनके खिलाफ शासकीय गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने का एक मामला दर्ज कराया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमें पता होना चाहिए कि उन्होंने इस्तीफा देने के बाद इन संवेदनशील जानकारियों से छेड़छाड़ तो नहीं की है।’’ 

इससे पहले एनआरसी के राज्य संयोजक हितेश देव शर्मा ने माना कि डेटा ऑफलाइन हो गया है लेकिन उन्होंने इसके पीछे किसी तरह की ‘‘दुर्भावना’’ के आरोप को खारिज किया। बड़े पैमाने पर डेटा के लिए क्लाउड सेवा आईटी कंपनी विप्रो ने मुहैया कराई थी और उनका अनुबंध पिछले साल 19 अक्टूबर तक का था। बहरहाल, पूर्व संयोजक ने इस अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया। शर्मा ने बताया था कि इसलिए विप्रो द्वारा निलंबित किए जाने के बाद 15 दिसंबर से डेटा ऑफलाइन हो गया था। 

उन्होंने बताया कि राज्य संयोजक समिति ने 30 जनवरी को अपनी बैठक में आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने का फैसला किया और फरवरी के पहले सप्ताह के दौरान विप्रो को पत्र लिखा। शर्मा ने कहा था, ‘‘ एक बार जब विप्रो डेटा को ऑनलाइन कर देगी तो यह जनता के लिए उपलब्ध होगा। हमें उम्मीद है कि लोगों को अगले दो-तीन दिनों में डेटा उपलब्ध हो जाएगा।’’ एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित होने के बाद असली भारतीय नागरिकों को शामिल किए जाने तथा बाहर किए गए लोगों की पूरी जानकारी उसकी आधिकारिक वेबसाइट https://www.nrcassam.nic.in पर अपलोड की गई। इस बीच आईटी कंपनी विप्रो के साथ अनुबंध के समय पर नवीनीकरण नहीं होने संबंधी बात राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) प्राधिकरण के स्वीकार किये जाने के एक दिन बाद बुधवार को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के समक्ष एक आरटीआई आवेदन दाखिल किया गया। इस आरटीआई आवेदन में आईटी फर्म के साथ समझौते का विवरण मांगा गया है।

हालांकि एनआरसी प्राधिकरण ने सूचना ऑफलाइन होने वाली जानकारी में कुछ भी गलत होने से इनकार किया है। वरिष्ठ पत्रकार सह आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने सरकार की आईटी शाखा एनआईसी के पास एक आरटीआई आवेदन दाखिल किया और अपने ट्विटर अकाउंट के जरिये इसे सार्वजनिक किया। उन्होंने असम की आधिकारिक एनआरसी सूची की ‘ऑनलाइन होस्टिंग’ और संग्रहण के बारे में विप्रो के साथ समझौते की एक प्रति मांगी है। असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने भारत के महापंजीयक को पत्र लिखा और उनसे मामले को तत्काल देखने का अनुरोध किया।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement