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होली: बरसाने की गोपियों ने नन्दगांव के हुरियारों पर खूब बरसाए लट्ठ, देखें शानदार वीडियो

होली में कुछ ही दिन शेष हैं। ऐसे में बरसाने में होली की धूम मची है, गोपियों ने नन्दगांव के हुरियारों पर जमकर लड्ठ बरसाए। देखें ये खास वीडियो...

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published : Mar 08, 2025 11:05 pm IST, Updated : Mar 08, 2025 11:05 pm IST
बरसाने की होली- India TV Hindi
बरसाने की होली

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के बरसाना में लट्ठमार होली की धूम मची रही। गोपियों ने शनिवार को नंदगांव के हुरियारों पर जमकर लट्ठ बरसाए। बरसाने की होली में शामिल हुए श्रद्धालुओं ने कहा, “बरसाना में  एक बार फिर द्वापर युग की वह होली साक्षात होती नजर आई, जो कभी पांच हजार वर्ष पूर्व श्रीकृष्ण और राधा के बीच खेली गई थी। ऐसे में देश-दुनिया के कोने-कोने से आए हजारों-लाखों श्रद्धालु इस होली के माध्यम से राधा और श्रीकृष्ण के पवित्र प्रेम से रूबरू हुए।”

गोपियों ने हुरियारों पर जमकर बरसाए लट्ठ

गलियों में उतरीं बरसाना की हुरियारिनों ने कृष्ण सखा ग्वाल-बालों के रूप में नन्दगांव से होली खेलने आए हुरियारों पर जमकर लट्ठ बरसाए। बरसाना की रंगीली गली से लेकर समूचे बाजार में गुलाल और टेसू के रंगों की बौछार हुई और चारों ओर बस रंग ही रंग नजर आ रहा था। लट्ठमार होली यह संदेश देती है कि भारत भूमि पर तो युगों-युगों से नारी अपनी शक्ति को इसी प्रकार सिद्ध करती चली आ रही है।

देखें वीडियो

ऐसे होती है होली की शुरुआत

इस होली की शुरुआत एक दिन पूर्व बरसाना के राधारानी मंदिर में नन्दगांव से आई उस सखी का लड्डुओं से स्वागत करने के साथ हो जाती है, जो बरसाना वालों को होली खेलने का न्यौता देने पहुंचती है।  नन्दगांव के हुरियार पहले बरसाना कस्बे के बाहर स्थित प्रिया कुण्ड पर पहुंचते हैं। जहां उनका स्वागत ठण्डाई और भिन्न-भिन्न प्रकार की मिठाईयों से किया जाता है। इसके बाद हुरियारे कुर्ता-धोती पहन, कमर में रंगों की पोटली और सिर पर साफा बांध, हाथों में ढाल लिए राधारानी के मंदिर पहुंच जाते हैं।

गालियां सुनाते हुए लट्ठ बरसाती हैं हुरियारिनें

इसी प्रकार बरसाना की हुरियारिनें भी सोलह श्रृंगार के साथ, हाथों में लट्ठ लिए मंदिर से होकर नीचे उतरती चली आती हैं। ऐसे में जब ग्वाल-बालों को रूप धरे हुरियारे उनके साथ चुहलबाजी कर उन्हें उकसाते हैं तो वे तरह-तरह की गालियां सुनाते हुए उन पर लट्ठ बरसाने लगती हैं। होली के मीठे-मीठे पदों के बीच लाठियों की मार से पूरा बरसाना गूंजने लगता है। हर तरफ से हुरियारों पर पड़तीं लाठियों की आवाज से तड़ातड़ झूम उठता है। 

लला, फिर खेलन अईयो होरी

जब नन्दगांव के हुरियारों ने बरसाना की हुरियारिनों से हार मान ली तब उन्होंने अगले बरस होली खेलने का न्यौता देते हुए कहा, ‘लला, फिर खेलन अईयों होरी।' अंत में दोनों पक्ष लाडली जी के जयकारे लगाते हुए होली का समापन करते हैं। फिर हुरियारे नन्दगांव के लिए प्रस्थान कर जाते हैं। वहीं, बरसाने की हुरियारिनें अपनी जीत की सूचना देने होली के रसिया गाती हुई लाडली जी के मंदिर पहुंचती हैं। अब रविवार को कुछ ऐसा ही नजारा नन्दगांव में देखने को मिलेगा, जहां नन्दगांव के बजाए बरसाना के हुरियार होंगे, और हुरियारिनें नन्दगांव की होंगी। 

(इनपुट-पीटीआई)

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