Friday, April 26, 2024
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जम्मू-कश्मीर: बिजली संकट को लेकर सेना से मांगी गई मदद, लोगों ने किया प्रदर्शन

अधिकारियों ने बताया कि हड़ताल की वजह से केंद्र शासित प्रदेश के कई इलाकों में पूर्ण ब्लैक आउट है।इससे होने वाली परेशानी और पानी आदि की आपूर्ति रूकने से नाराज जम्मू और अन्य शहरों के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और अपनी नाराजगी जताई।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 19, 2021 22:16 IST
जम्मू-कश्मीर: बिजली संकट को लेकर सेना से मांगी गई मदद, लोगों ने किया प्रदर्शन- India TV Hindi
Image Source : PTI/FILE जम्मू-कश्मीर: बिजली संकट को लेकर सेना से मांगी गई मदद, लोगों ने किया प्रदर्शन

Highlights

  • जम्मू-कश्मीर में बिजली संकट गहराया
  • सेना से मांगी गई मदद
  • लोगों ने किया प्रदर्शन

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में निजीकरण और अन्य मांगों को लेकर बिजली विकास विभाग के कर्मचारी रविवार को लगातार दूसरे दिन हड़ताल पर रहे जिससे कई इलाकों में पूर्ण ब्लैकआउट की स्थिति उत्पन्न हो गई। इससे नाराज जम्मू और कश्मीर के लोगों ने भी रविवार को प्रदर्शन किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीर बिजली संकट सेना बिजली विभाग के कर्मचारियों और अभियंताओं की हड़ताल के चलते जम्मू-कश्मीर में उपजे बिजली संकट से निपटने के लिए सेना की मदद मांगी गई है।

अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में करीब 20 हजार बिजली कर्मियों ने जम्मू-कश्मीर पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड और पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के प्रस्तावित संयुक्त उद्यम की योजना को ठंडे बस्ते में डालने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार आधी रात से ही काम का बहिष्कार कर दिया है। बिजली आपूर्ति कर्मचारी समन्वय समिति के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार से वार्ता विफल होने के बाद लाइनमैन से लेकर वरिष्ठ इंजीनियरों के सभी कर्मचारी संघों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है और रविवार को उन्होंने सभी जिला मुख्यालयों और दोनों राजधानियों जम्मू-श्रीनगर में प्रदर्शन किया। 

अधिकारियों ने बताया कि हड़ताल की वजह से केंद्र शासित प्रदेश के कई इलाकों में पूर्ण ब्लैक आउट है।इससे होने वाली परेशानी और पानी आदि की आपूर्ति रूकने से नाराज जम्मू और अन्य शहरों के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और अपनी नाराजगी जताई। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की सरकार कर्मचारियों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है और बिजली कर्मचारियों की समन्वय समिति के साथ गोलमेज वार्ता कर रही है। पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उम्मीद जताई कि पूरे मामले का यथाशीघ्र शांतिपूर्ण समाधान निकल आएगा। 

इस बीच, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सरकार से कहा कि वह निजीकरण के फैसले को निर्वाचित सरकार पर छोड़ दे। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक देवेंद्र राणा ने जम्मू शहर के कई हिस्से अंधेरे में रहने पर चिंता जताई और प्रशासन से आह्वान किया कि वह इस मुद्दे के समाधान के लिए जल्द कदम उठाए। जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष सईद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने भी सरकार द्वारा ग्रिड का निजीकरण करने के फैसले के खिलाफ बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने फैसले की समीक्षा करने की मांग की।

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