Sunday, April 28, 2024
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India Tourism: अब कर सकेंगे चांद-सितारों की दुनिया की सैर, खगोलीय पर्यटन में इतिहास रचने जा रहा भारत

India Tourism: बचपन में खुले आसमान के नीचे सोते वक्त मां, दादी और नानी की लोरियां सुनते हुए अक्सर आप ने आसमान में चांद-सितारों की दुनिया को निहारा होगा। शहरों की भागम-भाग वाली जिंदगी और प्रदूषण भरे वातावरण में अब न तो साफ आसमान दिख पाता है और न ही चांद- सितारे।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra
Published on: September 04, 2022 15:37 IST
Night Sky Century- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Night Sky Century

Highlights

  • चांद-सितारों को नजदीक से देख पाना होगा आसान
  • लद्दाख के हनले में स्थापित होगी देश की पहली नाइट स्काई सेंचुरी
  • 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित हनले से पूर् वर्ष साफ दिखता है आसमान

India Tourism: बचपन में खुले आसमान के नीचे सोते वक्त मां, दादी और नानी की लोरियां सुनते हुए अक्सर आप ने आसमान में चांद-सितारों की दुनिया को निहारा होगा। शहरों की भागम-भाग वाली जिंदगी और प्रदूषण भरे वातावरण में अब न तो साफ आसमान दिख पाता है और न ही चांद- सितारे। मगर गांवों में और प्रदूषण विहीन क्षेत्रों में आज भी चांद-सितारों की यह दुनिया देखी जा सकती है, जो हर किसी का मन मोह लेती है। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि चांद-सितारों की दुनिया में जाकर आप उन्हें नजदीक से देख सकते हैं, शायद कभी नहीं...लेकिन आपका यह सपना अब सच होने जा रहा है। इसके साथ ही भारत खगोलीय पर्यटन के क्षेत्र में नया इतिहास लिखने को बेताब है। 

चांद की धरती से होगी सितारों की सैर

चांद की धरती कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र स्थित हनले में नाइट स्काई सेंचुरी की स्थापना की जाएगी। यहां से खगोलविद् जल्द ही चांद-सितारों की दुनिया की सैर कर सकेंगे। इसके साथ ही लद्दाख का नाम खगोलीय पर्यटन के इतिहास में हमेशा-हमेशा के लिए दुनिया के मानस पटल पर अंकित हो जाएगा। यहां दुनिया भर के खगोल शास्त्री चांद-सितारों की दुनिया का बारीकी से अध्ययन करेंगे। 

15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थापित होगी नाइट स्काई सेंचुरी
चांद-सितारों की दुनिया की सैर कराने के लिए केंद्र सरकार लद्दाख के चांगथांग स्थित अभयारण्य हनले में देश की पहली नाइट स्काई सेंचुरी की स्थापना होने जा रही है। 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इस क्षेत्र की खासियत ये है कि यह आप्टिकल, इंफ्रारेड और गामा रे टेलीस्कोप के लिए दुनिया का सबसे ऊंचा क्षेत्र है। यहां नाइट स्काई सेंचुरी की स्थापना करने के लिए भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के साथ लद्दाख प्रशासन, लेह स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद और भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान ने आपस में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी कर लिया है। 

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हनले में पहले से ही खगोलीय वैधशाला
हनले में वैसे तो पहले से ही एक खगोलीय वैधशाला है। यहां अभी भी दुनिया भर के वैज्ञानिक खगोलीय घटनाओं पर नजर रखने के लिए आते हैं। लद्दाख के ठंडे रेगिस्तान में स्थित होने के कारण इस क्षेत्र में घनी काली रात में भी तारामंडल स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। इसलिए नाइट स्काई सेंचुरी के लिए हनले को ही चुना गया। खास बात यह है कि वर्ष भर यहां आसमान साफ दिखता है। ऐसा इसलिए है कि यहां का मौसम हमेशा शुष्क रहता है। इससे अधिक साफ आसमान दुनिया के अन्य किसी भी देश या क्षेत्र में नहीं है। 

17वीं सदी में यहां था हनले मठ
देश के इतिहास पर नजर डालें तो 17वीं सदी में यहां हनले मठ स्थित था। यहां पर गामा किरण दूरबीन और हिमालय चंद्र टेलीस्कोप की स्थापना भी भारत ने पहले से ही कर रखा है। इस लिहाज से यह क्षेत्र नाइट स्काई सेंचुरी के लिए सबसे उपयुक्त समझा गया। नाइट स्काई सेंचुरी की स्थापना के लिए पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने प्रयासों को तेज कर दिया है। पीएम मोदी स्वयं इस परियोजना में खासी रुचि दिखा रहे हैं। ऐसे में जल्द ही नाइट स्काई सेंचुरी की स्थापना होने की उम्मीद की जा सकती है। 

 

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