Tuesday, April 23, 2024
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बिहार: कोरोना काल में बंद पड़ी सियासत में आने लगी 'गर्माहट', शुरू हुई चुनाव की तैयारी

बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या भले बढ़ रही हो, लेकिन अब सभी राजनीतिक दलों की सक्रियता इस साल के अंत में होने वाले चुनाव को लेकर बढ़ गई है।

IANS Reported by: IANS
Published on: May 23, 2020 16:21 IST
Sushil Modi and Nitish Kumar- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA Sushil Modi and Nitish Kumar

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या भले बढ़ रही हो, लेकिन अब सभी राजनीतिक दलों की सक्रियता इस साल के अंत में होने वाले चुनाव को लेकर बढ़ गई है। आपदा को लेकर सरकार सक्रिय है, लेकिन नेता इस पर भी इस चुनावी साल में फायदे और नुकसान का आंकलन कर रहे हैं। सरकार बाहर से आ रहे मजदूरों को लेकर राहत की बात कर रही है तो विपक्ष भी उन्हें राहत पहुंचाने का दावा कर रहा है। विपक्ष व्यवस्था पर सवाल उठाकर पीड़ितों में खुद को ज्यादा शुभचिंतक साबित करने में जुटा है। यह सही है कि कोरोना के दौर में पिछले करीब दो महीने से बिहार की सियासत ठंडी पड़ी थी, लेकिन पिछले चार-पांच दिनों से सियासत में गर्माहट महसूस की जाने लगी है।

चार दिन पूर्व विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी, रालोसपा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने राजद और कांग्रेस को बिना आमंत्रित किए बैठक कर महागंठबंधन की राजनीति गर्म कर दी थी। इधर, भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को बिहार के भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर सत्ताधारी दलों की सियासत में सुगबुगाहट प्रारंभ कर दी।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई प्रदेश कोर ग्रुप की बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव, बड़ी संख्या में प्रवासी दिहाड़ी मजदूरों के बिहार पहुंचने और कोरोना राहत पर चर्चा हुई। बैठक में नड्डा ने बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर विस्तार से चर्चा की। बैठक में पार्टी अध्यक्ष ने प्रदेश नेताओं को सामाजिक दूरी रखकर चुनाव की तैयारियों में जुटने को कहा। भाजपा के एक नेता ने बताया कि बैठक में कोरोना राहत, केंद्र सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान और प्रवासी श्रमिकों का ख्याल रखने का निर्देश दिया।

इधर, राजद भी प्रवासी श्रमिकों की बदहाली को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है। राजद लालू रसोई के जरिए श्रमिकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। राजद नेता ने प्रवासी मजदूरों की वापसी पर उनका स्वागत करने और उन्हें राजद का सदस्य बनाने का निर्देश दिया है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि बिहार के श्रमिकवीर लौट रहे हैं, तो उनरका स्वागत किया ही जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए ये श्रमवीर फिर वापस अन्य राज्यों में नहीं लौटे। सरकार की आलोचना करने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विपक्ष अपना दायित्व निभा रही है। सरकार की गलतियों को दिखाना विपक्ष का दायित्व है।

इधर, शुक्रवार को कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने भी तेजस्वी, कुशवाहा और मांझी से वीडियो कन्फ्रेंसिंग से बातचीत कर महागठबंधन की एकता को मजबूत करने का संदेश देते हुए जोश भरा है। बिहार के मुख्यमंत्री तथा जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने खुद प्रदेश से लेकर जिला, प्रखंड व पंचायत स्तर तक के प्रमुख नेताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए सीधी बात की है। कोरोना में सरकार की ओर से दिए जा रहे राहत कार्यो पर ग्रासरूट से फीडबैक भी लिया और चुनाव के मद्देनजर डिजिटली जनता से जुड़ने की तैयारियों का भी निर्देश दिया।

शुक्रवार को नीतीश कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 20 अलग-अलग क्वोरेंटीन सेंटरों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों से बात की और उनका कुशल क्षेम पूछते हुए पूरी सहायता देने का भरोसा दिया। जदयू नेता संजय सिंह कहते हैं कि विपक्ष आज प्रवासी श्रमिकों के नाम पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि जो आज प्रवासी मजदूरों के नाम पर कथित रूप से आंसू बहा रहे हैं, उन्हीं के कार्यकाल में सबसे अधिक मजदूरों का पलायन हुआ है।

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