Sunday, May 12, 2024
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EXCLUSIVE: ‘आप’ सरकार को एलजी का फरमान, ‘जरूरी फाइलें हाजिर करें’

नई दिल्ली: दिल्ली का बिग बॉस कौन? दिल्ली का मुख्यमंत्री या फिर दिल्ली के उपराज्यपाल। हाईकोर्ट ने जैसे ही इस बाबत अपना फैसला दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के पक्ष में दिया उसके फौरन बाद

Kumar Kundan Kumar Kundan
Updated on: August 08, 2016 23:37 IST
najeeb jung- India TV Hindi
najeeb jung

नई दिल्ली: दिल्ली का बिग बॉस कौन? दिल्ली का मुख्यमंत्री या फिर दिल्ली के उपराज्यपाल। हाईकोर्ट ने जैसे ही इस बाबत अपना फैसला दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के पक्ष में दिया उसके फौरन बाद एलजी ऑफिस हरकत में आ गया। सोमवार को उपराज्यपाल के सचिवालय से बकायदा एक मेमोरेन्डम दिल्ली सरकार के सभी सेक्रेट्री, सभी विभागों के प्रमुख, दिल्ली नगर निगम को जारी किया गया।

हमारे चैनल इंडिया टीवी के पास उपराज्यपाल के दफ्तर से जारी वो पत्र की कॉपी है जिसमें साफ तौर पर इस बात को स्पष्ट किया है गया कि पिछले 1.5 वर्षों में जो कोई भी निर्णय दिल्ली सरकार ने लिए हैं जिनमें उपराज्यपाल की मंजूरी जरुरी थी और दिल्ली सरकार ने नहीं ली ऐसी फाइलों को एलजी ऑफिस भेजा जाए ताकि सरकार के वे फैसले जो गलत तरीके से लिए गए हैं उसे दुरुस्त किया जा सके। इसके लिए 17 अगस्त 2016 तक की मियाद तय की गई है।

अपने इस पत्र में हाईकोर्ट के उस फैसले का भी जिक्र किया गया है जिसमें संविधान के आर्टिकल 239 और 239 एए को परिभाषित किया गया है और दिल्ली सरकार के दायरे और दिल्ली के उपराज्यपाल के सीमा को बताने की कोशिश की गई है। अपने इस पत्र में उपराज्यपाल के सचिवालय ने इस बात को भी लिखा है कि पिछले 1.5 वर्षों में जो कोई भी फैसला लिया गया है उसमे संवैधानिक नियमों को अगर नजरअंदाज किया गया है तो उसकी बारीकियों को भी देखा जाए ताकि कोई भी फैसला असंवैधानिक ना हो।

पत्र की कॉपी-

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ऐसे में सभी एचओडी, प्रधान सचिव, सचिव और नगर निगम के अधिकारियों को लिखे इस पत्र में इस बात से सूचित किया गया है कि ऐसा कोई भी फैसला जिसमें उपराज्यपाल की मंजूरी जरूरी थी और वो नहीं ली गई है तो उस फाइल को फौरन भेजा जाए। साथ ही आगे से इस बात का ध्यान रखा जाए की ऐसी गलती दोबारा नहीं हो और वो फाइलें जो नियमानुसार पहले एलजी के पास जानी चाहिए उसे एलजी ऑफिस ही भेजा जाए।

एलजी ऑफिस से जैसे ही ये पत्र आया इसके थोड़े समय बाद ही दिल्ली कैबिनेट की मीटिंग होनी थी। जिसके ऐजेडें में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को दिल्ली सरकार के कर्मचारियों पर लागू करने संबंधित फैसला लेना था। लेकिन चूंकी इस मामले में एलजी ऑफिस की पहले मंजूरी जरूरी थी इसलिए कैबिनेट ने इस मामले को फिलहाल टाल दिया। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का पहला असर दिल्ली सरकार पर उपराज्यपाल के पत्र का पड़ता दिखा।

फिलहाल दिल्ली सरकार के तरफ से अबतक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिलहाल दिल्ली से बाहर हैं और थोड़े दिन में वापस आने वाले हैं ऐसै में एक बार फिर अरविंद केजरीवाल और नजीब जंग में तना तनी देखने को मिल सकती है। ऐसे में एलजी के पत्र का क्या जवाब देना है और कौन देगा ये देखना दिलचस्प है।

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