Friday, May 03, 2024
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उत्तर प्रदेश: निकाय चुनाव तो BJP जीत गई लेकिन इन नतीजों ने उड़ाई पार्टी और योगी सरकार के मंत्रियों की नींद

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों में मिली भारी सफलता पर भाजपा जहां खुशी मना रही है, वहीं पार्टी के लिए कहीं चिंता भी है। क्योंकि कई मंत्री अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं।

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published on: May 14, 2023 17:08 IST
Uttar Pradesh, BJP- India TV Hindi
Image Source : FILE योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: शनिवार को उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के परिणाम आ गए। इन चुनावों में बीजेपी ने साफ़ कर दिया कि शहरी मतदाताओं में अभी भी उसकी जबरदस्त पकड़ है। बीजेपी ने 17 की 17 महापौरों पर कब्जा जमाया है। यह पहली बार हुआ है कि बीजेपी ने सभी सीटों पर कब्जा किया है। यह चुनाव बीजेपी के लिए कर्नाटक चुनाव के रिजल्ट से थोड़ी राहत प्रदान करने वाले थे। हालांकि इसके बावजूद कुछ परिणाम ऐसे भी जिससे पार्टी संगठन और योगी सरकार में मंत्रियों की टेंशन बढ़ेगी।

कई मंत्री अपने इलाकों में नहीं दिला सके जीत 

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों में मिली भारी सफलता पर भाजपा जहां खुशी मना रही है, वहीं पार्टी के लिए कहीं चिंता भी है। क्योंकि कई मंत्री अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं। नौकरशाह से नेता बने और यूपी के मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के उम्मीदवार नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर अपने गृह जिले मऊ में बसपा से हार गए। वहीं पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के निर्वाचन क्षेत्र आंवला की नगर पालिका में उनके उम्मीदवार संजीव सक्सेना सपा के आबिद अली से हार गए थे।

कल्याण सिंह के इलाके में भी बीजेपी हारी 

इसके साथ ही रायबरेली में यूपी के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह बीजेपी की शालिनी कन्नौजिया की जीत सुनिश्चित नहीं कर पाए और कांग्रेस ने नगर पालिका अध्यक्ष की सीट जीत ली।  मंत्री गुलाब देवी अपने निर्वाचन क्षेत्र संभल में दो नगर पालिकाओं पर भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित नहीं कर सकीं। यहां एक सीट निर्दलीय और दूसरी एआईएमआईएम ने जीती इसके साथ ही यूपी के मंत्री असीम अरुण के निर्वाचन क्षेत्र कन्नौज और मंत्री बलदेव सिंह औलख के निर्वाचन क्षेत्र रामपुर में भाजपा हार गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के गृह नगर अलीगढ़ की दोनों नगर पालिका में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। उनके बेटे राजवीर सिंह यहां से सांसद हैं और उनके पोते संदीप सिंह यूपी के मंत्री हैं।

केशव मौर्या के वार्ड में भी हारी बीजेपी 

कौशांबी में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के वार्ड में भी भाजपा हार गई। यूपी के एक और मंत्री नितिन अग्रवाल भी अपने ही वार्ड से बीजेपी की जीत सुनिश्चित नहीं कर सके। दिलचस्प बात यह है कि गोंडा में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के निर्वाचन क्षेत्र में आने वाली दोनों नगर पालिकाओं में भी पार्टी हार गई है। सिंह इस समय पहलवानों के यौन उत्पीड़न से जुड़े एक बड़े विवाद में फंस गए हैं। वह भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख भी हैं।

सांसद-विधायकों को दी गई थी जिम्मेदारी 

गौरतलब है कि यूपी बीजेपी ने नगर निकाय चुनाव से पहले अपने सभी सांसदों और विधायकों से कहा था कि वे अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लें। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, यह निस्संदेह एक गंभीर मामला है कि कई मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी के उम्मीदवार को जीत नहीं दिला सके। पार्टी निश्चित रूप से स्थिति का आकलन करेगी और उसके अनुसार कार्रवाई करेगी।

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