Tuesday, April 16, 2024
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Uttar Pradesh: मायावती ने भी लालू के सुर में मिलाया सुर, बोली- PFI अगर देश की सुरक्षा के लिए खतरा तो RSS पर बैन क्‍यों नहीं

Uttar Pradesh: "अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी प्रतिबंध क्यों नहीं लगना चाहिए?’’

Shailendra Tiwari Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: September 30, 2022 12:28 IST
BSP Chief Mayawati- India TV Hindi
Image Source : PTI BSP Chief Mayawati

Highlights

  • 'विपक्षी पार्टियां सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी हमलावर हैं'
  • "RSS पर भी बैन लगाने की मांग खुलेआम हो रही है"
  • इससे पहले लालू ने की थी मांग

Uttar Pradesh: लालू यादव के बयान के बाद अब बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्‍यक्ष और उत्‍तर प्रदेश की पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने भी RSS पर बैन लगाने की मांग की हाै। मायावती ने केंद्र सरकार द्वारा इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बैन लगाए जाने पर शुक्रवार को तीखी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए इसे राजनीतिक स्‍वार्थ और संघ तुष्‍टीकरण से प्रेरित बताया और RSS (राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ) पर भी बैन लगाने की मांग का समर्थन किया। 

मायावती ने किया ट़्वीट

बसपा प्रमुख ने शुक्रवार को ट़्वीट किया, ‘‘केन्द्र द्वारा पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ देश भर में की गई कार्रवाई के बाद अन्ततः अब विधानसभा चुनावों से पहले पीएफआई समेत उसके 8 सहयोगी संगठनों पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। लोग इसे राजनीतिक स्वार्थ व संघ तुष्टीकरण की नीति मान रहे हैं और उनमें संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है।’’ 

मायावती ने अपने सिलसिलवार ट़्वीट में कहा, ‘‘यही कारण है कि विपक्षी पार्टियां सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी आक्रोशित व हमलावर हैं और आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग खुलेआम हो रही है कि अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी प्रतिबंध क्यों नहीं लगना चाहिए?’’ 

 RSS एक हिंदू कट्टरपंथी संगठन है- लालू

इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को एक 'हिंदू कट्टरपंथी संगठन' करार दिया और कहा कि उस पर बैन लगाया जाना चाहिए। राजद प्रमुख ने कहा, "वे बिना मतलब PFI का भय दिखाते रहे हैं। यह RSS है, जो हिंदू कट्टारपंथ से जुड़ा है और इसे पहले प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।"

केंद्र सरकार ने PFI पर लगाया था बैन

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बुधवार को इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर ISIS जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों से ‘‘संबंध’’ रखने और देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत 5 साल के लिए बैन लगा दिया। राजपत्रित अधिसूचना के अनुसार, पीएफआई के आठ सहयोगी संगठनों- रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल के नाम भी यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किए गए संगठनों की सूची में शामिल हैं।

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