Thursday, April 18, 2024
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मध्यप्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में संगीत, दर्शन, योग का भी समावेश होगा

मध्यप्रदेश में केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति को अमल में लाने के मामले में अग्रणी प्रदेश बनाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में छठी कक्षा से ही व्यावसायिक शिक्षा दिए जाने के प्रावधान को जल्दी से जल्दी लागू किया जाएगा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 31, 2020 13:32 IST
music, philosophy, yoga will also be included in the school...- India TV Hindi
Image Source : FILE music, philosophy, yoga will also be included in the school curriculum of madhya pradesh

भोपाल। मध्यप्रदेश में केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति को अमल में लाने के मामले में अग्रणी प्रदेश बनाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में छठी कक्षा से ही व्यावसायिक शिक्षा दिए जाने के प्रावधान को जल्दी से जल्दी लागू किया जाएगा। स्कूली पाठ्यक्रम में संगीत, दर्शन, कला व नृत्य के साथ ही योग का भी समावेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान कोरोना पॉजिटिव हैं और उनका चिरायु अस्पताल में इलाज जारी है। वे वहीं से लगातार विभागवार समीक्षा कर रहे हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, गुरुवार को चौहान ने शिक्षा विभाग की वीडियो कांफ्रें सिंग के जरिए समीक्षा की।

चौहान ने कहा है कि केंद्र द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति देश में शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। इसके क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश लीड ले। इसके सभी प्रावधानों पर राज्य की परिस्थितियों के अनुसार तत्परता के साथ अमल किया जाए। विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान न देकर उनका कौशल विकसित करने के लिए प्रदेश में छठी कक्षा से ही व्यावसायिक शिक्षा दिए जाने के प्रावधान को जल्दी से जल्दी लागू किया जाएगा। स्कूली पाठ्यक्रम में संगीत, दर्शन, कला व नृत्य के साथ ही योग का भी समावेश किया जाएगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को तत्परता के साथ लागू करने के लिए शिक्षा मंत्री एक टीम गठित करें जो इस संबंध में कार्रवाई के लिए रूपरेखा बनाए। प्रदेश में विशेष रूप से व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाना है, जिससे कि बच्चा शुरू से ही अपने क्षेत्र में दक्षता हासिल कर ले तथा उसे भावी जीवन में एक अच्छी आजीविका प्राप्त हो सके।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्कूली पाठ्यक्रम में योग एवं नैतिक शिक्षा को विशेष महत्व दिया जाए। इसके साथ ही संगीत, दर्शन, कला, नृत्य आदि विषय भी पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे। समीक्षा बैठक के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश में इस प्रकार के 10,000 स्कूल विकसित किए जाने की योजना बनाई जा रही है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना संकट के चलते निजी विद्यालय विद्यार्थियों से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क वसूल नहीं कर पाएंगे शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करे कि यदि कोई अभिभावक बच्चे की फीस नहीं चुका पा रहा है तो भी उसका नाम विद्यालय से किसी भी हालत में नहीं कटना चाहिए। कोरोना संकटकाल में निजी विद्यालयों की समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री चौहान ने स्कूल शिक्षा मंत्री से कहा कि वे प्रदेश के स्कूल संचालकों एवं अभिभावकों से बातचीत कर हल निकाले।

राज्य में विद्यार्थियों के लिए भी डिजिटल शिक्षा प्रारंभ होगी। प्री-प्राइमरी में प्रत्येक सप्ताह तीन दिन दी जाएगी तथा प्रतिदिन 30 मिनट का समय निर्धारित होगा। इसके अलावा पहली से आठवीं तक की कक्षाओं में सप्ताह में पांच दिन तथा हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल में सप्ताह में छह दिन डिजिटल शिक्षा दी जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि प्रदेश में 12वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण के लिए रूपरेखा बनाई जाए। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने बताया कि इस कार्य में लगभग 40 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी।

कोरोना संकटकाल में गांवों में टीवी के माध्यम से शैक्षणिक सामग्री पहुंचाने एवं शिक्षा देने की व्यवस्था करने के निर्देष देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे विद्यार्थी अपने घर बैठे ही टीवी पर शैक्षणिक सामग्री प्राप्त कर सकेंगे। बताया गया कि इसके लिए रिलायंस कंपनी द्वारा उनका 'जिओ टीवी एप' की सेवा प्रदेश में निशुल्क दी जाएगी।

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