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बिना पूरा सच जानें भूलकर भी ना करें इस खास फ्यूल का अपनी गाड़ी में इस्तेमाल, वरना इंजन 'धक' से हो जाएगा बंद

E20 Fuel Use: कई रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि सरकार जल्द ही भारत में आम जनता के लिए E20 फ्यूल उपलब्ध कराने का इरादा रखती है। फिलहाल के लिए क्या आप अपनी पुरानी कार में इस फ्यूल का इस्तेमाल कर सकते हैं या नहीं? आइए जानते हैं।

Vikash Tiwary Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: May 12, 2023 20:10 IST
E20 Fuel Cost- India TV Paisa
Photo:FILE E20 Fuel Cost

E20 Fuel Cost: हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ परिवहन की दिशा में एक कदम उठाते हुए बेंगलुरु में E20 फ्यूल  पेश किया था, जो 20% इथेनॉल के साथ संयुक्त पेट्रोल है। इन दिनों एक चर्चा तेजी से हो रही है कि क्या यह E20 फ्यूल बाजार में मौजूद किसी भी गाड़ी में इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर इस्तेमाल करते हैं तो उसका गाड़ी पर क्या असर पड़ेगा? आज कि स्टोरी में हम ये जानेंगे। लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ रही है, लेकिन ज्यादातर लोग उन्हें वहन नहीं कर सकते हैं। नतीजतन, E20 या फ्लेक्स फ्यूल  वाहन बैंक को तोड़े बिना प्रदूषण को कम करने के लिए उन्हें एक बढ़िया विकल्प मिल गया है भारत सरकार का मानना है कि गैसोलीन में 20% इथेनॉल के अपने लक्ष्य तक पहुँचने से देश के कृषि उद्योग को लाभ होगा। सरकार का दावा है कि इन उपायों के परिणामस्वरूप किसानों की आय में वृद्धि होगी।

क्या पुराने वाहनों में डाल सकते हैं E20 पेट्रोल?

E20 फ्यूल 20 प्रतिशत इथेनॉल और 80 प्रतिशत पेट्रोल के मिश्रण से तैयार किया जाता है। पेट्रोल के साथ भारत का वर्तमान इथेनॉल मिश्रण 10 प्रतिशत है, जो कि पहले से कहीं अधिक है। कई रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि सरकार जल्द ही भारत में आम जनता के लिए E20 फ्यूल  उपलब्ध कराने का इरादा रखती है। क्योंकि बायोमास से एथेनॉल बनता है, इसलिए उसे कच्चे तेल की जरूरत नहीं होती। इथेनॉल ज्यादातर मकई और गन्ना जैसी फसलों से प्राप्त होता है। भारत पहले से ही पर्याप्त मात्रा में अनाज और गन्ना पैदा करता है। आखिरकार, यह ऑटोमोबाइल के लिए इथेनॉल के अधिक अनुपात का उपयोग करना संभव बना सकता है। अगर हम इस बात पर ध्यान दें कि क्या पुराने वाहनों में इस फ्यूल का इस्तेमाल करना सही है? एक्सपर्ट का कहना है कि अगर हम पुराने वाहनों में इस फ्यूल का यूज करते हैं तो उसका असर गाड़ी के माइलेज और उसके इंजन पर पड़ेगा। कंपनियां इस फ्यूल के लिए अलग तरह का इंजन तैयार कर रही हैं। 

  1. इसके कम पर्यावरणीय प्रभाव के कारण जैव फ्यूल  तेजी से लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। यदि पर्याप्त बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है, तो इससे प्रदूषण को काफी हद तक कम करने की क्षमता है।
  2. भारत की लगभग 85% फ्यूल  की जरूरतें आयात से पूरी होती हैं। परिणामस्वरूप कच्चे तेल की कीमत आसमान छूती है। भारत में 20% इथेनॉल मिश्रण वाले पेट्रोल के उपयोग से देश के लिए महत्वपूर्ण लागत बचत होगी।
  3. जब नई टेक्नोलॉजी को व्यवहार में लाया जाता है, तो रोजगार की नई संभावनाएं सामने आती हैं। ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग (OEM) सेक्टर के साथ-साथ कंपोनेंट सप्लायर और आफ्टरमार्केट सर्विस प्रोवाइडर सेक्टर में नए मौके पैदा किए जाएंगे।

E20 फ्यूल वाहन?

भारतीय सड़कों पर अभी ऐसी ज्यादा कारें नहीं हैं जो E20 पेट्रोल मिक्स को हैंडल कर सकें। उदाहरणों में Hyundai Motor India की Creta, Venue, और Alcazar SUVs शामिल हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे सभी 2023 MY मॉडल वर्ष के रूप में E20 पेट्रोल पर काम करने में सक्षम हैं।

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